District President and former MLA clashed in front of the state in-charge..There was a ruckus in the meeting for preparation of Constituent Assembly at Hotel Marriott, the matter reached to the point of abuse..
बिलासपुर। केंद्रीय से लेकर राज्य और स्थानीय निकाय व पंचायत चुनावों में लगातार मिल रही करारी हार के बावजूद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में आंतरिक कलह, गुटबाजी और आपसी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है।
प्रदेश प्रभारी और अन्य बड़े नेताओं की मौजूदगी में भी स्थानीय स्तर पर ‘जूतम पैजार’ और ‘तू-तू, मैं-मैं’ का दौर जारी है।
ताजा मामला न्यायधानी बिलासपुर का है, जहां बुधवार को शहर के एक प्रतिष्ठित होटल में संविधान सभा के प्रदर्शन की तैयारी बैठक के दौरान जिलाध्यक्ष और एक पूर्व विधायक आपस में भिड़ गए। बात गाली गलौज और हाथापाई तक पहुंच गई, जिससे वहां मौजूद वरिष्ठ नेताओं को हस्तक्षेप करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट और महिला कांग्रेस प्रदेश प्रभारी जरिता लेफ्टलांग बिलासपुर के होटल मेरिएट में संविधान सभा के प्रदर्शन की तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचे थे। बैठक शुरू होने से पहले ही संविधान सभा के आयोजन के एक बार फिर टलने की खबर आ गई, जिसके बाद स्थानीय कांग्रेस नेता आपस में चर्चा कर रहे थे।
इसी दौरान, बिलासपुर के जिलाध्यक्ष ने महिला प्रदेश प्रभारी जरिता लेफ्टलांग के कान में कुछ फुसफुसाया। जिलाध्यक्ष की यह हरकत पास बैठे पूर्व विधायक को नागवार गुजरी। उन्होंने तपाक से टिप्पणी करते हुए कहा कि मैडम महिला प्रदेश प्रभारी की फोटो तो कहीं दिखी नहीं, केवल कांग्रेस भवन और शहर अध्यक्ष की फोटो ही छपी है। यह मामला कांग्रेस नेताओं के छपास रोग से जुड़ा बताया जा रहा है।
पूर्व विधायक की यह टिप्पणी सुनते ही जिलाध्यक्ष का पारा चढ़ गया। देखते ही देखते दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। उन्होंने एक-दूसरे पर झूठ बोलने और श्रेय लेने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। बहस इतनी बढ़ी कि बात तू-तू, मैं-मैं से लेकर गाली गलौज तक पहुंच गई। इस दौरान हल्की धक्का-मुक्की और हाथापाई की नौबत भी आ गई। वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हुई इस अप्रिय घटना से वहां खलबली मच गई।
किसी तरह वहां मौजूद अन्य सीनियर नेताओं ने बीच-बचाव कर दोनों को शांत कराया।
बताया जाता है कि इस दौरान पूर्व विधायक ने जिलाध्यक्ष को धमकी देते हुए कहा कि उनके मामलों में दोबारा दखल दिया तो ठीक नहीं होगा। शांत कराने के बावजूद दोनों नेता एक-दूसरे को तू चुप रह कहकर चिल्लाते रहे।

