
बिलासपुर।सुबह जब बच्चों को स्कूल छोड़ने जाती हूं तो दृश्य कुछ बदले से नजर आते हैं। पहले रोड खाली हुआ करती थी, मगर आजकल कुछ महिलाएं गाड़ी सीखती हैं तो कुछ बाहर लगी योगा क्लास में व्यस्त नजर आती हैं तो कई लोग सुबह वॉक करते नजर आते हैं। अचानक से ही कुछ सालों में बहुत कुछ बदल गया। मैं सोच ही रही थी कि एक रिंग बजी मैडम आप डांस क्लास के लिए पूछ रही थी मंडे से नई बैच 40 प्लस के लिए चालू हो रही हैं बट मैं …। कोई नहीं आप इवनिंग बैच में आ सकते हैं आजकल ऑफ्टर 40 महिलाएं ज्यादा बदल गई हैं या यू कहेंगे कि खुद के प्रति जागरूक हो गई हैं।
जीवन का एक बड़ा पडाव पार हो चुका हैं। शिक्षा, शादी, बच्चे और बच्चों की शिक्षा और शादी। अब जाकर उन्हें खुद के लिए समय मिलता हैं कुछ अधूरे सपने पूरे करने का तो कुछ अपने शरीर मन को स्वस्थ रखने का। वे अपने समय का सदुपयोग करने में लगी हैं क्योंकि आजकल ज्यादातर बच्चे शिक्षा हेतु बाहर गए हैं। मां बाप घर पर अकेले, पति तो दुकान या ऑफिस में व्यस्त रहते हैं और महिलाओं का जो समय हैं नकारात्मक बातों से गुजर जाता हैं तो कभी वे अकेलेपन की वजह से बीमारियों का शिकार भी हो जाती हैं। एक नया परिवर्तन समाज में हो रहा हैं कि हर कोई खुद के प्रति जागरूक हो रहा हैं। अब हर जगह 40 प्लस के लिए अलग से ही क्लासेस लगने लगी हैं
यह ऐसा समय हैं जब लोग अपने जीवन में परिवर्तन लाने एक नई शुरुआत करते हैं। कुछ वर्किंग वुमन बनने लगी हैं। कोई नेटवर्क मार्केटिंग कर रही हैं तो कुछ अपने टैलेंट को सदुपयोग करने के लिए क्लासेस चला रही हैं तो कुछ समाज सेवा करके अपने जीवन को सार्थक बना रही हैं।
महिलाओं में आया ये बदलाव समाज को एक सकारात्मक दिशा दे रहा हैं। कुछ वर्षों से एक नई परिवर्तन की लहर चल रही है। इसमें महिलाएं नई-नई चीजें सीख रही हैं।
सेल्फ मेकअप फैशन की इस दुनिया में कोई पीछे नहीं रहना चाहता इसलिए ज्यादा महिलाएं पार्टी मेकअप , स्किन केयर, हेयर केयर को प्राथमिकता देते हुए सीख रही हैं।
गाड़ी चलाने में कई महिलाएं डरती हैं और कभी जिम्मेदारी की वजह से अपने शौक को पूरा नहीं कर पाई।अब ज्यादातर महिलाएं दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहती। इस वजह से गाड़ी चलाना सीख रही हैं जिसमें टू व्हीलर व फोर व्हीलर शामिल हैं।
कंप्यूटर व मोबाइल आजकल बिना मोबाइल व कंप्यूटर के काम करना मुश्किल हैं इसलिए छोटे-मोटे काम ज्यादातर महिलाएं मोबाइल और कंप्यूटर में करना सीख रही हैं। इनमें ऑनलाइन शॉपिंग और टिकट कराने, बैंक के काम भी शामिल हैं।
भाषा का ज्ञान- आजकल हर व्यक्ति को तीन से चार भाषा का ज्ञान हैं तभी वह विदेश में भी आसानी से घूम फिर सकता हैं।भाषा का ज्ञान इसलिए भी जरूरी हैं कि आजकल ज्यादातर बच्चे विदेश में रहते हैं तो उनके मां-बाप को सुविधा होती हैं। केवल अपनी मातृभाषा नही बल्कि इंटरनेशनल लैंग्वेज के लिए भी क्लासेस बेहिचक मां-बाप अटेंड करने लगे हैं।
अकेले सफर करना पढ़कर अजीब लगा होगा लेकिन यह भी जीवन में एक बडा टास्क होता हैं जो महिलाएं अकेले सफर नहीं करती, उन्हें सफर में डर लगता हैं मगर आजकल रेलवे की आधुनिक सुविधाओं के चलते ज्यादातर लड़कियां ही नहीं हैं बड़ी महिलाएं भी अकेले सफर करती हैं। गांव और छोटे शहरों में आज भी महिलाओं को लेने छोड़ने भी परिवार के लोग जाते हैं।
डांस, पेटिंग व अन्य –आजकल डांस पेंटिंग्स क्लासेस नहीं होती हैं थेरेपी होती हैं शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए भी और बढ़ते और बदलते इस दुनिया में इन सब चीजों की डिमांड बढ़ने लगी हैं कोई पारिवारिक आयोजन हो या सामाजिक आयोजन में अब तो खुलकर अपने प्रतिभा दिखाते हैं। इसलिए बड़ी उम्र की महिलाएं भी इन क्लासों में नजर आने लगी हैं।
यह बदलाव केवल महिलाओं में ही नहीं पुरुषों में भी देखे जा रहे हैं। नए- नए क्लासेस योग ज्वाइन करना, बिजनेस टूर बढ़ गए हैं लोगों के। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि जीवन का नया पड़ाव लोगों में 40 के बाद शुरू हो रहा हैं जिसे लोग खुशी-खुशी जीना चाहते हैं।

