
मस्जिदों में अदा की गई नमाज, गले मिलकर दिए मुबारकबाद
बिलासपुर। मुस्लिम समाज के द्वारा खुशियों का त्योहार ईद-उल-फितर शनिवार को अकीदत के साथ मनाई चांद दिखाई देने के दूसरे दिन मनाए जाने वाले इस पर्व इस त्योहार को की शुरुआत सुबह नमाज अदा कर की गई इसके बाद एक दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दिया गया।यह पर्व रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को मनाया जाता है।
इस्लामिक मान्यताओं अनुसार रमजान के महीने में पवित्र किताब कुरान आई थी। साथ ही यह भी माना जाता है कि पैगम्बर मोहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी जिसकी खुशी में सभी लोगों ने एक दूसरे का मुंह मीठा करके खुशियां मनाई , इस दिन से ही ईद-उल-फितर मनाए जाने की परंपरा शुरू हो गई। सुबह उठकर सबसे पहले एक खास नमाज अदा कर मुल्क में चैन अमन और खुशहाली की दुआ की गई इसके बाद दोस्तों, रिश्तेदारों को ईद की बधाई दी और सेवइयां खाकर मुंह मीठा किया।
लोगों ने जहां मस्जिदों में जाकर नमाज अदा किए वही अल्लाह की बारगाह में अपने गुनाहों की माफी मांगी गई।
इस मौके पर मौलाना उमर नदवी ने लोगों को ईद की नमाज़ पढ़ने के बाद एक दूसरे से गले मिलकर अपने गीले शिकवे दूर करने को कहा साथ ही जरूरतमंदों की बढ़ चढ़कर मदद करने की अपील की।यंग मोहमदन क्लब के संस्थापक और समाज सेवी खालिद खान ने सभी मुस्लिम युवाओं को एक होकर रहने का संदेश दिया आपस में भाईचारा और हिंदू मुस्लिम एकता को मजबूत रखने की नसीहत भी दी ।

