बिलासपुर। शहर के अरपा चेक डैम से लगी सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन पर पिछले 17 सालों से चल रहे ईंटों के अवैध कारोबार की अब परतें खुलेंगी। मीडिया में हुए खुलासे के बाद कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इस मामले में एक बड़ी जांच के आदेश दिए हैं। जांच की जद में शहर के 35 से अधिक वे रसूखदार लोग हैं जो कुम्हारों की आड़ में सरकारी जमीन पर कब्जा कर ईंट भट्टे चला रहे थे, जिनमें बिलासपुर की मेयर पूजा विधानी का नाम भी शामिल है। अब एसडीएम और तहसीलदार की टीम यह पता लगाएगी कि यह पूरा खेल कैसे चल रहा था और जमीन सरकारी है या निजी।
यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि मौका में जिस सरकारी जमीन पर यह अवैध भट्टे चल रहे हैं, वहां खेलो इंडिया प्रोजेक्ट के तहत एक मल्टीपरपज हॉल बनना था। लेकिन इन भट्टों और वहां तक पहुंचने का रास्ता न होने के कारण खेल विभाग ने यह जमीन लेने से ही इनकार कर दिया। सालों तक चले इस खेल में शहर ने एक बड़ी खेल सुविधा खो दी।
खुलासा हुआ है कि मेयर पूजा विधानी और उनके पति अशोक विधानी समेत करीब 35 लोग यहां भट्टे चला रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि चुनाव रिकॉर्ड में मेयर की जो निजी जमीन बताई गई है, वह खाली पड़ी है और भट्टा बगल की सरकारी जमीन पर संचालित हो रहा है।मीडिया द्वारा दो दिनों से इस मामले को प्रमुखता से उठाने के बाद प्रशासन हरकत में आया है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने पूरे मामले की जांच के लिए दो प्रमुख बिंदु तय किए हैं। पहला, जांच टीम यह पता लगाएगी कि अब तक कितने लोगों को कब और किस आधार पर जमीन का पट्टा मिला। इन पट्टों का सरकारी रिकॉर्ड से मिलान किया जाएगा। दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि जिस जगह पर चिमनी भट्टे चल रहे हैं, वह जमीन असल में किसकी है, निजी या सरकारी।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने एसडीएम को साफ निर्देश दिए हैं कि वे पूरी जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपें ताकि सच सामने आ सके और दोषियों पर कार्रवाई की जा सके। इस जांच के बाद शहर के कई बड़े नामों का खुलासा होने की उम्मीद है।

