शहर के सबसे प्रतिष्ठित एवं पुरानी शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा स्नातकोत्तर कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.) में 26 सितम्बर 2023 को राजनीति विज्ञान एवं अर्थशा़स्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान में समाज विज्ञानों की ‘‘सामाजिक सामुदायिक विकास में भूमिका एवं कौशल उद्यमिता को प्रोत्साहन‘‘ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पद्मश्री श्रीमती फूलबाई बासन यादव, हरीश केडिया अध्यक्ष छŸाीसगढ़ लघु एवं कुटीर उद्योग संघ बिलासपुर, रूद्र अवस्थी वरिष्ठ पत्रकार सीजी. वाल न्यूज वेब पोर्टल, शिरीष गिर चिफ मैनेजर स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया। विशेष रूप से आमंत्रित महाविद्यालय के पूर्व छात्र संजू पटेल सामुदायिक विकास अभिकर्ता जिन्होंन नशा मुक्ति पर एक जोरदार सफल अभियान संचालित कर रहें हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती की पूजा-अर्चना एवं सरस्वती वंदना के तत्पश्चात् छŸाीसगढ़ राजकीय गीत अरपा पैरी के धार से हुआ।शोध संगोष्ठी के विषय प्रवेश एवं संक्षिप्त परिचय राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपशिखा शुक्ला ने सारगर्भित जानकारी प्रदान की तत्पश्चात् महाविद्यालय के संरक्षक एवं प्राचार्य डॉ. श्यामलाल निराला ने आगमन हेतु आभार प्रकट करते हुए अतिथियों का अभिवान किया एवं राजनीतिक विज्ञान एवं अर्थशास्त्र विभाग के ज्वलंत मुद्दों पर शोध संगोष्ठी आयोजन पर शुभकामनाएँ प्रेषित की।
विषय में प्रवेश करने के संदर्भ में सबसे पहले शिरीष गिर चीफ मैनेजर स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ने सामाजिक एवं सामुदायिक विकास में वित्तीय क्षेत्र की भूमिका पर सारगर्भित विवरण प्रस्तुत की। श रूद्र अवस्थी वरिष्ठ पत्रकार ने वर्तमान ज्वलंत उदाहरण के माध्यम से विषय पर स्पष्ट प्रकाश डालते हुए स्कूल शिक्षा, उद्यमिता एवं कृषि पर विशेष व्यक्तव्य प्रदान किया। श्री हरीश केडिया अध्यक्ष छŸाीसगढ़ लघु एवं कुटीर उद्योग संघ बिलासपुर ने अपने एक दोस्ती के संघर्ष को बताते हुए विद्यार्थियों को व्यापार के प्रारम्भिक गुण उन्नति के मार्ग प्रस्स्त कैसे करें यह गुण बड़े ही ऊर्जापूर्ण एवं प्रभावपूर्ण रूप से बतलाया गया।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता फूलबासन बाई यादव पद्मश्री पुरस्कार ने बताया कि एक के साथ शुन्य को कैसे बैठाकर खुद का मूल्य बढ़ाया जाता है। एक नारी का संघर्ष एक समाज को कैसे मजबुत बना सकता है यह फूलबासन बाई यादव ने अपनी गरीबी के संघर्ष को विद्यार्थियों तक बताते हुए स्पष्ट किया कि आप अधिकारी-कर्मचारी बने या संघर्ष करते हुए अपने आप का कम्पनी या मालिक बने।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ. दीपशिखा शुक्ला, सह-संयोजक डॉ. सुनील कुमार शर्मा एवं डॉ. संजय कुमार तिवारी तथा आयोजन समिति के सचिव डॉ. वंदना तिवारी, डॉ. किरण एक्का एवं विभाग के अन्य सदस्य डॉ. माया यादव, हेमन्त खरे एवं अनुराग दुबे थे


