बिलासपुर। सर्वेश्वरी समूह शाखा सेन्दरी (कोनी) बिलासपुर के अघोरपीठ आश्रम प्रांगण में सर्वेश्वरी समूह का गौरवशाली 63 वां स्थापना दिवस एवं अघोराचार्य महाराज श्री बाबा कीनाराम जी का जन्मषष्ठी (लोलार्क षष्ठी) पर्व हर्षोउल्लास के साथ आश्रम के पुनीत प्रांगण में मनाया गया 1
दो दिन पूर्व सभी आश्रमवासी, स्वयं सेवकों, श्री सर्वेश्वरी सैनिकों द्बारा श्रमदान कर आश्रम परिसर की पूर्ण तनमयता से पूरे मनोयोग के साथ साफ-सफाई कर अघोरेश्वर महाप्रभु की अमृत बागियों के बैनरों, ध्वजों फूलों की बंदनवारों से मंदिर सुसज्जित किया गया । इस अवसर पर अरपा से
कलशों में जल भर कर ’’सर्वेश्वरी त्वम् पाहिमाम् शरणागतम्, गुरुदेव जी त्वम् पाहिमाम् शरणागतम्’’ के सामूहिक जय घोष के साथ संकीर्तन करते हुए कलश परिक्रमा कर प्रभात फ़ेरी निकाली गई ।नगर परिक्रमा में प्रभात रैली आश्रम प्रांगण से कोनी, सीपत चौक, नया पुल, नेहरू चौक, राजेन्द्र नगर चौक, अग्रसेन चौक, पुराना बस स्टेण्ड से तेलीपारा, गोलबाजार, सदर बाजार, देवकीनंदन चौक होते हुए पुराना पुल से सीपत चौक से वापस आश्रम प्रांगण आयी । श्रद्धालुओं, भक्तजनों, गणमान्य नागरिकों एवं सदस्यों द्वारा अघोरेश्वर का माँ सर्वेश्वरी एवं औघड़ बाबा गुरूपद संभवराम की जय जयकार से पूरा वातावरण अघोरेश्वर श्रद्धामय, भक्तिमय हो गया ।
इसके बाद अघोराचार्य महाराज बाबा कीनाराम स्थल, महाविभूति स्थल पर पूजा आराधना कर माल्यार्पण कर सर्वेश्वरी ध्वजस्थल पर (शाखा मंत्री/व्यवस्थापक) उमेश नारायण मिश्रा जी द्बारा ध्वज पूजन कर ध्वजारोहण कर सर्वेश्वरी ध्वज के चारों ओर सामूहिक रुप से परिक्रमा की गयी । राकेश दीक्षित द्बारा पावन ग्रंथ सफल योनि का पाठ किया गया ।तत्पश्चात मंदिर में उमेश नारायण मिश्रा द्बारा माँ गुरुजी, पूज्यपाद औघड़ बाबा गुरूपद संभव राम के सुचित्रों पर पुष्प अर्पण कर पूजा आराधन आरती कर (चना, हलुआ) सूक्ष्म प्रसाद का वितरण किया गया 1प्रात: 11.3० बजे से प्रात: स्मरणीय माँ गुरु जी के अमृत वाणियों पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस गोष्ठी के मुख्य अतिथि आरके यादव जी, अध्यक्षता कर रहे श्री संजय मालगे. द्बारा अघोरेश्वर महाप्रभु, औघड़ बाबा गुरूपद संभवराम जी’’ के सुचित्रों पर पुष्प अर्पण, माल्यार्पण कर विचार गोष्ठी का श्री गणेश किया गया । गोष्ठी के मुख्य अतिथि का स्वागत अभिजीत तिवारी, अध्यक्षता कर रहे मालगे का स्वागत श्री धर्मेन्द्र श्रीवास जी द्बारा माल्यार्पण कर किया गया। सर्वप्रथम आश्रमवासी परमानंद, अरूण कुमार उइके, सोम पटेल, कुंजल सिह, सुमिरन पटेल द्बारा मंगलाचरण किया गया ।
वक्ताओं में – राकेश दीक्षित जी ने स्थापना दिवस के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए समूह के मूल भूत उद्देश्यों के बारे में बताया जो कि इस प्रकार है
2. राष्ट्रहित को सर्वोपरि समझना । मानव मात्र को भाई समझना ।3 नारी मात्र के लिए मातृ भाव रखना ।
4 बालक-बालिकाओं के विविध विकास के लिए अनुकूल वातावरण असहाय एवं उपेक्षित लोगों की सेवा करना तथा उनके प्रति समाज में मर्यादित भावनाएं बनाना । जागृत करना । मानव धर्म की मूल भावनाओं के विचार विनिमय के लिए एक समान मंच प्रदान करना । सामाजिक कुरीतियों (रूढ़िवादिता, अंध विश्वास, नशाखोरी, तिलक, दहेज इत्यादि के सम्पूर्ण उन्मूलन हेतु सफल प्रयास करना ।
धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास जी ने अपने अनुभूतियों, स्थापना दिवस पर्व एवं लोलार्क षष्ठी के बारे में विस्तार पूर्वक बताया ।
एमएस. परिहार ने संस्था के 19 सूत्रीय कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी ।
उमेश नारायण मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि सर्वेश्वरी समूहकी स्थापना की मूल भावना उदात्त मानवता एवं विश्व बंधुत्व है सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए निरन्तर चितन एवं मार्गदर्शन आता रहता है । सामाजिक कुरीतियों को दूर करने, कुष्ठ रोगियों की सेवा करने, जाति-पाति, धर्म और भौगोलिक सीमाओं के बंधन से मुक्त मनुष्य को सही तरीके से रहने, एक दूसरे से मैत्री रखने तथा एक दूसरे को आदर देने की प्रेरणाश्री सर्वेश्वरी समूह से मिलती है ।
आरके. यादव (मुख्य अतिथि) समूह के स्थापना दिवस के पर्व पर विस्तार से बताते हुए कहा कि परम पूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु ने अपनी वाणियों के माध्यम से साहित्यों के माध्यम से हमें बहुत कुछ दिया है । जरूरत है उसे अध्ययन करने की और उस पर चलने की ।
संजय मालगे ने कहा कि आश्रम प्रांगण के अंदर आते ही एक अदभूत अनुभूति होती है कि वह अज्ञात साक्षात् यहां विराजमान है।
आश्रमवासी भगवानदास ने सभी आये गणमान्य नागरिकों, भक्तगणों, श्रद्धालुओ
ग्रामीण धर्म बंधुओं का कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति देने के लिए आभार ज्ञापित किया ।
कीर्तन के साथ गोष्ठी का समापन किया गया । गोष्ठी का संचालन एस. के. सोनी जी द्बारा किया गया।


