
बिलासपुर।तुलसी साहित्य अकादमी जिला इकाई बिलासपुर द्वारा गोस्वामी तुलसीदास जयंती के अवसर पर आयोजित विमोचन एवं सम्मान समारोह का आयोजन सम्माननीय न्यायमूर्ति श्री चंद्रभूषण बाजपेयी के मुख्य आतिथ्य, डाॅ विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की अध्यक्षता एवं डा. अरुण कुमार यदु संरक्षक तुलसी साहित्य अकादमी, डा. अनिता सिंह वरिष्ठ साहित्यकार, श्री के. पी. द्विवेदी पर्यावरण अधिकारी पीडीआईएल बिलासपुर के विशिष्ट आतिथ्य में संस्कार भवन सरकंडा में संपन्न हुआ। शुरुवात मां शारदे के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया गया, अतिथियों के स्वागत पश्चात कवि एवं कथाकार श्री राजेन्द्र कुमार पाण्डेय की सद्य: प्रकाशित हिंदी कविता संग्रह “कीर्ति काव्य मंजरी “का विमोचन कर उन्हे सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर गोस्वामी तुलसीदास जी पर केंद्रित हिंदी काव्य प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमे नगर के साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान नगर के युवा कवि एवं कवि सम्मेलनो के संचालक श्री बालमुकुंद श्रीवास को मिला जिन्हे डा. विनय कुमार पाठक तुलसी साहित्य अलंकरण 2023 प्रदान करते हुए शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। चित्रकार डाॅ चन्द्रशेखर यादव जी द्वारा पद्मश्री पंडित श्याम लाल चतुर्वेदी का चित्र श्री सूर्यकांत चतुर्वेदी जी को, तथा डाॅ विनय कुमार पाठक एवं न्यायमूर्ति श्री चन्द्रभूषण वाजपेयी जी को उनका चित्र भेंट किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री चंद्र भूषण वाजपेयी ने कहा कि “कीर्ति काव्य मंजरी” में विरह वेदना सहित मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण कविताएं संग्रहित हैं, जो लौकिकता से अलौकिकता अर्थात आध्यात्मिकता को छूती हैं। डॉ विनय कुमार पाठक ने कहा की राजेन्द्र कुमार पाण्डेय जी की कविताएं बहुत ही भावपूर्ण हैं, जो जीवन के अनेक भावों को स्पर्श करते हुए जीवन जीने का संदेश देती हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ अरुण कुमार यदु ने अपने उद्बोधन में कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी पर केंद्रित काव्य पाठ प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले को देश के सुप्रसिद्ध भाषाविद एवं समीक्षक डॉ विनय कुमार पाठक तुलसी साहित्य अलंकरण से सम्मानित किए जाने की शुरुआत बहुत ही प्रशंसनीय है ,और गौरवान्वित करने वाली है।
विशिष्ट अतिथि डॉ अनिता सिंह ने “कीर्ति काव्य मंजरी “की कविताओं की समीक्षा करते हुए उनके विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि श्री के पी द्विवेदी ने तुलसीदास जी के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए आज की प्रासंगिकता पर अपनी बात रखी।
स्वागत भाषण में श्री अंजनी कुमार तिवारी ने एवं कार्यक्रम का संचालन डा. राघवेंद्र कुमार दुबे ने किया एवं कवि सम्मेलन का संचालन बालमुकुंद श्रीवास ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन वरिष्ठ कवि श्री सनत तिवारी ने किया। आयोजन में 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमे रश्मि अग्रवाल, अंजनी कुमार तिवारी, डा शिवचरण श्रीवास्तव, बामन चंद्र दीक्षित, राजेंद्र रूंगटा, सुरेश केंवट, डा ओमप्रकाश, रामनिहोरा राजपुत, कुमार संतोष शर्मा, सनत तिवारी, अजय शर्मा, डा. चंद्रशेखर यादव, आभा गुप्ता, मनोहर दास मानिकपुरी, डा. अंकुर शुक्ला, वीणा शुक्ला, डा अर्चना शर्मा, कु. विधात्री शर्मा, दिनेश्वरी वस्ञकार गोस्वामी तुलसी दास पर केंद्रित अपनी रचना का पाठ किया। इस अवसर पर नगर एवं अंचल के साहित्यकार एवं प्रबुद्धजन विशेष रूप से उपस्थित थे।

