
बिलासपुर। आई कंजेक्टिवाइटिस नामक संक्रामक बीमारी ने पूरे देश को कोरोना की तरह चपेट में लेना शुरू कर दिया है। इसके प्रकोप को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार के साथ शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों में एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी जिला चिकित्सालय से डॉक्टरों का एक दल सरस्वती शिशु मंदिर तिलक नगर में छात्रों और शिक्षकों की आंख की जांच करने के लिए पहुंचा।
जिला चिकित्सालय से सहायक नेत्र अधिकारी डॉ अंजनी पटेल डॉ. दीपिका रजक डॉ.अंजलि साहू डॉ अनूप कछवाहा राजेंद्र शर्मा की टीम ने शिक्षकों और छात्र छात्राओं की आंख की जांच की। जिनमें आई कंजेक्टिवाइटिस के लक्षण पाए गए उनको मोक्सोफ्लोक्सीन नामक दवा दी गई।
वातावरण में व्याप्त नमी गंदा पानी के चलते एक्टिव इसका वायरस अनियंत्रित हो रहा है। स्कूलों में छात्र छात्राएं एक साथ पढ़ाई करते हैं। लिहाजा इस बीमारी का दायरा बढ़ रहा है। नगर के निजी स्कूलों में आई कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित छात्र पढ़ने के लिए नहीं आ रहे हैं जिसकी वजह से शिक्षकों को भी अध्यापन की गति मेंटेन करने में परेशानी हो रही है। आई कंजेक्टिवाइटिस टेरर कुछ ऐसा है कि आंख में खुजली महसूस करने वाले छात्र खुद सतर्कता बरतते हुए अगले दिन से स्कूल नहीं आने का फैसला कर रहे हैं। जिससे कि साथी छात्र-छात्राओं में यह बीमारी संक्रमित ना हो सके। यह बीमारी ठीक होने में 7 से 12 दिन का समय भी ले रही है। इधर स्कूलों में मासिक टेस्ट शुरू हो गए हैं लेकिन इस बीमारी से ग्रस्त छात्र छात्राओं को टेस्ट से वंचित होना पड़ रहा है। हालांकि शिक्षा विभाग के द्वारा रोजाना स्कूलों में इसके जन जागरण के लिए कैंप लगाए जाने की बात कही जा रही है लेकिन दावे हकीकत से बहुत दूर हैं।
डॉक्टर की सलाह लें – सरस्वती शिशु मंदिर तिलकनगर के शिक्षक संस्कार श्रीवास्तव ने जिला चिकित्सालय को धन्यवाद देते हुए सभी स्कूलों के प्रभावित बच्चों से अपील की है कि वे इस बीमारी के होने पर विशेषज्ञ चिकित्सा से उपचार लेकर ही दवाई आंखों में डालें। अपने मन से किसी दूसरे व्यक्ति की दवा आंखों में डालने का जोखिम न लें क्योंकि इस बीमारी से आंखों की रोशनी जाने की भी संभावना बताई जा रही है।


