
बिलासपुर।साइंस कॉलेज मैदान में चल रही श्री शिव महापुराण के चतुर्थ दिवस में बापूजी ने ओम और नमः शिवाय की उत्पत्ति की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति अकेले ओम नाम का उच्चारण करें अथवा नमः शिवाय का उच्चारण करें तो भगवान की संपूर्ण नामों का वह जाप करता है और उसको परमात्मा के सच्चे स्वरूप का बोध होता है
शिव विवाह की कथा का रसपान कराते हुए सबसे पहले माता पार्वती के जन्म की कथा सुनाई और कहा कि माता पार्वती जन्म से ही सहज सुंदर थी बापू ने कहा कि आजकल हम इतना मेकअप और इतना उपचार करने के बाद भी सहज सुंदर नहीं हो पाते क्योंकि हमारा मन और चित् सुंदर नहीं होता और जिस व्यक्ति का चित् परमात्मा में लीन हो और अंदर से वह सुंदर हो उसका स्वरूप भी सहज सुंदर होता है और वंदनीय हो जाता है इसलिए बाहर की सुंदरता ठीक करने से पहले प्रत्येक जीव को अपनी आंतरिक सुंदरता बढ़ानी चाहिए और परमात्मा के श्री चरणों में अपनी भक्ति को और ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना चाहिए पार्वती माता जन्म से ही भगवान शिव की भक्ति भक्त थी और उन्होंने शिवलिंग की पूजा बचपन से की इसलिए उन्हें भगवान भोलेनाथ पति स्वरूप में मिले बापू ने कहा कि भगवान शिव सदैव प्रभु राम के चिंतन में मग्न रहते हैं लेकिन विधाता जिसके भाग्य में जो लिखते हैं वह अवश्य ही उसको प्राप्त हो जाता है और माता पार्वती की भक्ति से भगवान शिव प्रसन्न हुए भगवान शिव जब विवाह करने गए तो उन्होंने चिता की भस्म अपने शरीर में लगाई मानो उन्होंने संदेश दिया कि हे जीव जिस शरीर को तुम इतना सुंदर बना रहे हो उस शरीर को एक दिन चिता में ही भस्म हो जाना है इसलिए जीवन का जो सत्य है उसको हमें सदैव याद रखना चाहिए बापू ने कहा कि भगवान शिव जब विवाह करने गए तो नंदी पर सवार होकर गए मानो उन्होंने दुनिया को संदेश दिया कि नंदी धर्म का प्रभाहक है और भगवान शिव ने संदेश दिया कि हम किसी भी जीवन की यात्रा पर जाएं तो धर्म को ना छोड़े सदैव धर्म को लेकर ही हम किसी भी मार्ग पर आगे बढ़े इसके साथ बापू ने बहुत सुंदर व्याख्या करते हुए धूमधाम से भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह कराया इतनी घनघोर बारिश में भी श्रोताओं की भक्ति प्रचंड दिखी और पंडाल से बाहर भी लोग बारिश में भीगते हुए शिव महापुराण की कथा का आनंद लिए बापू ने व्यासपीठ के माध्यम से संपूर्ण बिलासपुर की जनमानस का खूब-खूब आभार व्यक्त किया कि जो कि इतने खराब मौसम में भी पूर्ण निष्ठा के साथ इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए आज कथा में मुख्य रूप से प्रिंस भाटिया, चंद्रचूड़ त्रिपाठी, मनोज तिवारी, स्वप्निल शुक्ला, अभिनव तिवारी, कन्हैया सिंह ठाकुर, अजय सिंह, रामनारायण राठौर, गजेंद्र सिंह परमार, नरेंद्र यादव, सुधांशु मिश्रा, अतुल सिंह ठाकुर, एवं मुख्य यजमान संतोष साहू उपस्थित रहे

