रायपुर । छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ विष्णुदेव साय सरकार का अभियान जारी है। इसी कड़ी में एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। रायगढ़ के बहुचर्चित बजरमुंडा मुआवजा कांड में तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल को निलंबित कर दिया गया है। यह निलंबन उनके खिलाफ इस 400 करोड़ रुपए के कथित घोटाले में FIR दर्ज होने के बाद हुआ है।
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार के पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण में हुए इस भ्रष्टाचार ने सारी हदें पार कर दी थीं। जहां कभी साधारण झोपड़ी थी, वहां कागजों पर ग्रेनाइट और मार्बल लगा आलीशान महल दिखाकर करोड़ों रुपए का मुआवजा बांट दिया गया। सरकार की इस त्वरित कार्रवाई को भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
क्या हैं बजरमुंडा घोटाला ? 13 सदस्यीय जांच दल ने खोली पोल..
यह पूरा मामला रायगढ़ जिले के तहसील तमनार के ग्राम मिलूपारा, करवाही, खम्हरिया, ढोलनारा और बजरमुड़ा में स्थित गारे पेलमा सेक्टर-II कोल ब्लॉक से जुड़ा है। भारत सरकार ने इस कोल ब्लॉक का आवंटन छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड को किया था। कंपनी को 30 साल (23.02.2017 से 22 फरवरी 2047 तक) के लिए खनिज पट्टा दिया गया था, जिसका कुल क्षेत्रफल 449.166 हेक्टेयर था। बाद में संशोधित पट्टे में निजी भूमि का कुल रकबा 401.342 हेक्टेयर हो गया।
इस कोल ब्लॉक में कोयला खनन और संबंधित कार्यों के लिए सतही अधिकार प्रदान करने और प्रभावित भूमिस्वामियों को क्षतिपूर्ति राशि के आकलन के लिए मामला अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) घरघोड़ा को भेजा गया। अनुविभागीय अधिकारी (रा.) घरघोड़ा ने प्रकरण पंजीबद्ध कर ग्राम बजरमुड़ा क्षेत्र के निजी भूमि पर सतही अधिकार प्रदान करने तथा क्षतिपूर्ति आकलन के संबंध में 13 जुलाई 2020 को आम ईश्तहार प्रकाशित कराया। स्थानीय समाचार पत्रों में भी यह ईश्तहार छपा, जिसमें संबंधित भूमिस्वामियों से दावा/आपत्ति आमंत्रित की गई।
ईश्तहार प्रकाशन के बाद कुछ भूमिस्वामियों ने आपत्तियां प्रस्तुत कीं, जिनका निराकरण करते हुए 22 जनवरी 2021 को अवार्ड पारित किया गया। इस अवार्ड के अनुसार, ग्राम बजरमुड़ा की निजी भूमि और उस पर स्थित परिसंपत्तियों के संबंध में कुल 4 अरब 78 करोड़ 68 लाख 87 हजार 786 रुपए का मुआवजा तय किया गया।
हालांकि, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड, घरघोड़ा इस अवार्ड राशि से क्षुब्ध होकर कलेक्टर न्यायालय, रायगढ़ पहुंची। कलेक्टर न्यायालय ने 32 महीने के स्थान पर 6 महीने का ब्याज लगाने का आदेश पारित किया, जिसके आधार पर अनुविभागीय अधिकारी (रा.) घरघोड़ा से 4,15,69,51,153/- रुपये का संशोधित अवार्ड व मांगपत्र जारी हुआ। यह राशि कंपनी द्वारा जमा भी कर दी गई।
जांच में सामने आईं चौंकाने वाली अनियमितताएं, सरकार सख्त..
शिकायतकर्ता दुर्गेश शर्मा ने इस बड़ी मुआवजा राशि में अनियमितताओं की शिकायत राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव से की, जिसके बाद सरकार ने तत्काल एक राज्य स्तरीय जांच समिति का गठन किया। जांच के लिए कुल 13 दल बनाए गए, जिनमें प्रत्येक दल में राजस्व निरीक्षक, पटवारी, कोटवार, बीट गार्ड और कंपनी का एक कर्मचारी शामिल था। इन दलों ने 06 से 08 दिसंबर 2023 और फिर 08 से 09 फरवरी 2024 तक ग्राम बजरमुड़ा में गहन मौका मुआयना किया। इस विस्तृत जांच में मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और धांधली सामने आई, जिसके बाद तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल के खिलाफ FIR दर्ज की गई और अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
सरकार की यह कार्रवाई दिखाती है कि वह भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी अधिकारी को बख्शने वाली नहीं है, चाहे पद कितना भी बड़ा क्यों न हो। क्या इस मामले में और भी बड़े नामों का खुलासा होगा, यह देखना बाकी है।

