
बिलासपुर । डी.पी. विप्र महाविद्यालय में समाजशास्त्र, योग विज्ञान एवं आई.क्यू.सी.के संयुक्त तत्वावधान में ‘योग का समाज पर प्रभाव‘‘ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। जिसमंे अध्यक्षता श्री राजकुमार अग्रवाल वरिष्ठ सदस्य प्रशासन समिति, डी.पी. विप्र महाविद्यालय बिलासपुर विशिष्ट अतिथि डाॅ. गरिमा गंगवार विभागाध्यक्ष, योग विभाग, महर्षि विश्वविद्यालय बिलासपुर, प्राचार्य डाॅ. (श्रीमती) अंजू शुक्ला उपस्थित थी।
श्री राजकुमार अग्रवाल जी ने अपने वक्तव्य मे कहा कि योग के माध्यम से हमारे जीवन में समग्रता आती है। योग और आध्यात्म के मार्ग मे चलने से हमारी चिन्तन प्रकिया सकारात्मक होती है। डाॅ. गरिमा गंगवार ने आचार्य पतंजलि के योग शिक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि योग एक अनुशासन है। हमारे मन मे उपजे मनोविकारों को दूर करना ही योग है। नियमित योग से शारीरिक मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। योग से हम अपनी चित्त वृŸिायों पर नियंत्रण रखकर अपना विकास कर सकते हैं। डाॅ. (श्रीमती) अंजू शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग के बिना हम समदर्शी नहीं हो सकते हैं। योग के द्वारा शारीरिक मानसिक और बौद्धितक, नैतिक विकास होता है। मनुष्य में व्याप्त ईष्र्या, द्वेष, क्रोध, घृणा को योग के माध्यम से शमन किया जा सकता है और चारों पुरूषार्थ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति के लिए योग आवश्यक है। समर्थ अग्रवाल एवं साथियों ने योग के विभिन्न आसनों की शानदार प्रस्तुती दी। योग प्रशिक्षक मृदुला पाठक, समर्थ अग्रवाल एवं साथियों को मोमेन्टों देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. एम.एस. तम्बोली तथा आभार प्रदर्शन डाॅ. सुषमा शर्मा ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डाॅ. एम.एल. जायसवाल, डाॅ. विवेक अम्बलकर, डाॅ. मनीष तिवारी, डाॅ. आशीष शर्मा, डाॅ. आभा तिवारी, प्रो. ए.श्रीराम, प्रो. निधिश चैबे, डाॅ.रश्मि शर्मा, डाॅ. सुरुचि मिश्रा, प्रो. विश्वास विक्टर, डाॅ. ऋचा हाण्डा, प्रो. किरण दुबे, प्रदीप जायसवाल, डाॅ. अजय यादव, श्री शैलेन्द्र कुमार तिवारी, मोनिका पाठक, मृदुला पाठक, प्रो. यूपेश कुमार, प्रो. ज्योति तिवारी प्रो. रूपेन्द्र शर्मा, श्रीमती उपासना पाण्डेय तथा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी, एन.सी.सी. तथा एन.एस.एस. के छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।

