
बिलासपुर! डी.पी. विप्र महाविद्यालय के सभागार में 9 वां अंतर्राष्टीय योगा दिवस मनाया गया। ’योगा दिवंस मनाया गया’ आज के इस गरिमामय कार्यक्रम के मुख्यवक्ता के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. श्रीमती अंजु शुक्ला योग के संबंध में अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा की योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर एवं आत्मा को एक-रूप करना ही योग कहलाता है। मन को शब्दों से मुक्त करके अपने आप को शांति और रिक्तता से जोड़ने का एक तरिका है, योग समझने से ज्यादा करने की विधि है। योग साधने से पहले योग को जानना जरूरी है। प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 27/09/1914 को सयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस के प्रस्ताव को अमेरिका के द्वारा मनजुरी दी गई इसके पश्चात 21 जुन 1915 में पहली बार सम्पूर्ण विश्व में योग दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम ’’वसुधैव कुटुम्कम के लिए योग है’’ इसका अर्थ है पूरी धरती ही एक परिवार है अर्थात सभी अपने स्वास्थ के लिए योग करें। ज्ञात हो की डी.पी. विप्र महाविद्यालय में महाविद्यालय के छात्रों/प्राध्यापकों/कर्मचारियों के लिए निःशुल्क योग की कक्षा मृदुला पाठक के द्वारा ली जा रही है।
योगा शिक्षक के द्वारा आज प्रातः 07ः00 बजे से योगा दिवस के अवसर पर /प्राध्यापकों/कर्मचारियों तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं को योग कराया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. एम.एस. तम्बोली विभागाध्यक्ष लोकप्रशासन एवं आभार प्रदर्शन डॉ. आभा तिवारी राजनितिक विज्ञान विभाग ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने डॉ. मनीष तिवारी, डॉ. एम.एल. जायसवाल, डॉ. विवेक अम्बलकर, डॉ. सुषमा शर्मा, प्रो. ए. श्रीराम, डॉ. आशीष शर्मा, प्रो. किरण दुबे, प्रो. यूपेश कुमार, डॉ. रश्मि शर्मा, प्रो. तोशिमा मिश्रा, डॉ. सुरुचि मिश्रा, प्रो. ज्योति, श्री शैलेन्द्र कुमार तिवारी, डॉ. अजय कुमार यादव, डॉ. ऋचा हाण्डा, प्रो. विश्वास विक्टर, प्रो. रूपेन्द्र शर्मा, प्रो. सपना मिश्रा, प्रो. भागवत कौशिक, प्रो. ईश्वर सूर्यवंशी, प्रो. बृजेश कुमार, श्री सगराम चन्द्रवंशी, बड़ी संख्या में एन.एस.एस., एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

