
बिलासपुर। रेल्वे परिक्ष्ोत्र स्थित मौसी मां मंदिर से धूमधाम से बहुड़ा यात्रा निकाली गई। बाजे-गाजे एवं कीर्तन की धुन के साथ रथ में भगवान जगन्नाथ के साथ बलभद्र एवं बहन सुभद्रा विराजमान थीं। तीनों शहर का भ्रमण एवं अपने भक्तों को दर्शन देते हुए श्री मंदिर पहुंचे। भगवान के आगमन को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह रहा।
19 जून को महाप्रभु के स्वस्थ होने के बाद नेत्रोत्सव मनाया गया था। जिसके बाद 2० जून को भगवान अपने भाई व बहिन के साथ अपनी मौसी के बुलावे पर उनके घर गुंडिचा मंदिर चले गए थे। जहां पूरे 8 दिनों तक उनका खूब आवभगत किया गया। एक सप्ताह तक मौसी मां का स्नेह और आत्थि्य को स्वीकार कर तीनों भाई बहन बुधवार को पुन: अपने मंदिर लौट आए। बहुड़ा यात्रा निकलने के पहले वाद्य यंत्रों की ध्वनि के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा रथ पर सवार हुए। भगवान के आगे-आगे उनके मार्ग को निष्कंटक करने रेल्वे अधिकारी अशोक कुमार नायक ने छेरा पहरा की एवं मार्ग में झाड़ू लगाया। इसके बाद अतिथि नायक सहित अन्य लोगों ने भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की। इसके बाद रथ जगन्नाथ मंदिर के लिए रवाना हुए।
इन मार्गों से होकर गुजरी रथ
बहूड़ा यात्रा मौसी मां मंदिर से निकलकर जोन कार्यालय, जगमल चौक, दयालबंद, गांधी चौक, शिव टॉकीज चौक, तारबाहर नाका, स्टेशन चौक, तितली चौक होते हुए जगन्नाथ मंदिर पहुंची। जहां रास्ते भर श्रद्धालूओं ने भगवान का स्वागत किया और रथ का रस्सा खींचने हजारों की भीड़ रही। यात्रा के समापन बाद भगवान को श्री मंदिर में विधि-विधान से स्थापित किया गया। गुरुवार 29 जून से पुन: श्रद्धालुओं को दर्शन देने लगेंगे। इस आयोजन के लिए ओडिशा से कलाकारों की टीम आई हुई थी। जिनके द्बारा भजन संध्या सहित कई अन्य प्रस्तुति दी गई। राधे-राधे ग्रुप के कलाकारों ने महाप्रभु जगन्नाथ पर आधारित भजनों की प्रस्तुति दी। इससे माहौल भक्तिमय बना रहा। आयेाजन में समिति के अध्यक्ष एमके सुबुद्धि, उपाध्यक्ष डॉ बी पधन, सचिव डी. नायक, डीपी नायक, आरके मोहंती, शिखर नायक, एमके मोहंती, आरके पात्रा, जीपी दास, संजय दास, बीके पंडा, डीएम मोहंती, आरसी प्रधान सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

