
बिलासपुर।डी.पी. वित्र महाविद्यालय में विगत दिनों इंक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया गया। स्टार्टअप व्यवसाय को विकसित करने में मदद करने वाले संस्थानों को इक्यूबेशन सेंटर कहा जाता है इंक्यूबेशन सेंटर के प्रारंभिक चरण में स्टार्टअप के लिए संजीवनी के समान होते है। पूरे विश्व में स्टार्टअप वर्ड में इंक्यूबेशन सेंटर का जिक्र आजकल हम सभी अक्सर सुन रहे है। ये संस्थान आमतौर पर स्टार्टअप्स को व्यापारिक तकनीकी सुविधाओं सलाह, प्रारंभिक विकास निधि रिक्त स्थान, प्रयोगशाला की सुविधा, सलाह और सलाहकार जैसी सुविधा प्रदान करती है। शुरुआती चरण में इंक्यूबेटर इन स्टार्टअप्स के लिए एक गुरु की भूमिका निभाता है और इनके लिए संपूर्ण पारिस्थिति तंत्र का हिस्स्सा होते हैं। इंक्यूबेशन को एक प्रक्रिया के रूप में देखा जाना चाहिए जो स्टार्टअप विचार को असफल होने के हर खतरे को बचाता है तथा उन्हें सफल होने में आने वाली बाधाओं को पार करने में मदद करता है। आज हमारे भारत देश में लगभग 250 मान्यता प्राप्त इंक्यूबेशन सेंटर है। उपरोक्त जानकारी सेंटर का उद्घाटन करते हुए डी.पी. विप्र महाविद्यालय के प्रशासन समिति के वरिष्ठ सदस्य व उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री राजकुमार अग्रवाल जी ने कहीं। उक्त कार्यक्रम में संस्था के प्राचार्य डॉ. श्रीमती अंजू शुक्ला, डॉ. आरएन पटेल एक्पर्ट इन स्टार्टअप इंडिया मिलाई एवं डॉ. राहुल प्रकाश इनोवेशन एसोसिएट ऑफ भारत सरकार भुवनेश्वर, उडीसा उपस्थित थे। इंक्यूबेशन सेंटर के प्रभारी प्रो. निधि चौबे को बनाया गया है। इस अवसर पर विशेष रूप्प से डॉ. मनीष तिवारी, डॉ. एम. एस. तंबोली, डॉ. विवेक अंबलकर, डॉ. एम.एल. जायसवाल, डॉ. आशीष शर्मा, डॉ. सुषमा शर्मा, डॉ. आभा तिवारी प्रो. किरण दुबे, प्रो. ए. श्रीराम, डॉ. अजय यादव, श्री शैलेन्द्र तिवारी, प्रो. विश्वास विक्टर डॉ. ऋषा होण्डा, प्रो. रूपेन्द्र कुमार, अविनाश सेठी, संगराम चंद्रवंशी, श्री लक्की यादव, श्री वीरेन्द्र साहू, श्री जित्तू ठाकुर, श्री गोविन्द सेठी, श्री शिवा गेंदले, श्री आशीष चतुर्वेदी, श्री चित्रकात निरखवार, श्री परिवेश दीवान, विकास सिंह, उमेश साहू, शबृजेश बोले, श्री बलराम जायसवाल, हिमेश साहू, मनोज मेसराम अरूण नवानी, यश मिरानी सुरेन्द्र अहिरवार सचिन सूर्या, सन सूर्या नीरज गोस्वामी, श्री विक्रान्त श्रीवास्तव, प्रवीण देवांगन तथा यजूर तिवारी ने हर्ष व्यक्त किया।

