
लेनदेन के कई कार्य रोज के रुटीन में है शामिल, देर तक रुककर पूरा करते हैं काम
बिलासपुर। पुराना बस स्टैंड स्थित एसबीआई बैंक ब्रांच विगत कई महिनों से एक अधिकारी और दो बाबू के सहारे और उसकी जिम्मेदारी में चल रहा है। जिनमें से एक बाबू अभी भी ट्रेनिंग में है। कर्मचारियों की कमीं से जूझ रहे इस ब्रांच में चार हजार खाताधारक है। जिनमें प्रतिदिन सैकड़ों खाताधारक अलग अलग कार्यो को लेकर बैंक पहंुचते हैं, इन हितग्राहियों के सभी कार्यों को केवल एक अधिकारी सहायक प्रबंधक अनिता राम और 2 क्लैरिकल स्टॉफ निपटा रहे हैं। ऐसे में कई बार उन्हें ग्राहकों के नाराजगी का सामना भी करना पड़ता है।
बता दें कि उक्त ब्रांच में विगत 3 महिने ने ब्रांच मैनेजर भी नहीं है। 1 साल और 9 महिने के अंदर दो बा्रंच मैनेजर का ट्रांसफर हो चुका है। बैंक में प्रतिदन लाखों को लेनदेन होता है। केवायसी अपडेट करना, एनईएफटी, पैसा निकासी व जमा करना प्रतिदिन के रुटीन के कार्यों में शामिल है। इसके अलावा सहायक प्रबंधक द्बारा चेक बुक इश्यु कराना, एटीएम और लॉकर के कार्यों के अलावा एक महत्वपूण कार्य सीडीएम मशीन में पैसा निकालने व जमा करने का कार्य भी रोजमर्रा के कार्यों में शामिल है। आजकल इन सब कार्यों को बैंक में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी डयुटी समय से 1 से दो घंटे अतिरिक्त समय तक रुककर पूरा करते हैं। ब्रांच में बैंक मैनेजर नहीं रहने के कारण लोन लेन देन जैसी जानकारी अथवा कई कागजी कार्यों के लिए पहंुच रहे ग्राहकों को परेशान होकर जाते देखा जा सकता है। इसके अलावा कई बार ग्राहक कर्मचारियों को खरी खोटी सुनाने भी लगे हैं। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में कार्यरत स्टॉफ को लंच करने में भी अब दिक्कत आ रही है। क्योकि लंच के समय पहंुच रहे ग्राहक इंतजार करना नहीं चाहते बल्कि भी खरी खोटी सुनाकर चले जाते हैं।
ब्रांच में 5 स्टॉफ की है जरुरत
ग्राहक और ब्रांच को सुगमतापूर्वक चलाने के लिए कम से कम 5 स्टॉफ की आवश्यकता है। ब्रांच मैनेजर सहायक ब्रांच मैनेजर के अलावा 3 क्लेरिकल स्टॉफ का होना जरुरी है। जानकारी यह भी मिली है कि उक्त ब्रांच में सोमवार तक नये ब्रांच मैनेजर आ सकते हैं। जिसके बाद पेंडिंग कई कार्यों को निपटाया जा सकता है।

