
बिलासपुर।कोरबा जिला के लाफागढ़ जमीदारी ग्राम में 12ग्राम से एकत्रित हुवे कबीर पंथियों ने आज 14दस पूर्णिमा को कबीर की 626वी जयंती महापर्व के रूप में आयोजित किया।इस अवसर पर प्रभात फेरी ,जुलूस निकाली गई।
इस अवसर पर लाफा,दादर,संकर नार,नागोई,भंडार खोल,खाराबहार,चैतमा, पाली, पुलाली कला, मुढा ली, पौंडी,बाकासाही, रंगोले,लोहड़ियां, दावन पारा, छपराही पारा, सैला,से कबीरपंथी लोग उपस्थित हुवे।
कबीर साहब की प्रतिमा पर पूजा अर्चना की गई।महंत /दीवान और चौका मंगल गीत गाकर कबीर साहब की लोक हितैषी साखी,भजन,पद का गायन किया गया।
इस अवसर पर बिलासपुर ,धावा, पुलाली , लाफा से पधारे डॉ फूल दास महंत, अर्जुन दास, सेवादास मानिकपुरी,धन्नू दास,लक्ष्मण दास पंथ ने कबीर साहब के समरसता,एकता,प्रेम,भाईचारा और विस्वबंधुत्व की भावना को उजागर किया।
डॉ फूल दास महंत ने कहा कि आज 626वर्ष हो गया कबीर साहब की बानी आज भी प्रासंगिक हैं।बाजार वाद के इस युग ने भी कबीर को प्रभावित नहीं कर पाया,बल्कि कबीर की वाणी ने आज भी लोगों को संतोष,शांति, और शील के लिए विनम्रता पूर्वक प्रेरित करते रहते हैं।
कबीर की वाणी का एक उदाहरण उन्होंने दिया।
“कबीर खड़े बाजार में,मांगे सबके लिए खैर।
न काहू से दोस्ती, न काहू से किए बैर।।

