Demand for investigation into the misappropriation of government funds through Rajiv Yuva Mitan Club, no account of crores spent !
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू किए गए राजीव युवा मितान क्लब के नाम पर करोड़ों रुपये की शासकीय राशि खर्च कर दी गई, लेकिन अब यह सामने आ रहा है कि इन पैसों का उपयोग किस उद्देश्य से और किस प्रकार हुआ, इसका कोई स्पष्ट लेखा-जोखा नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक क्लब को 1 लाख रुपये की राशि अघोषित रूप से रंगोली, कैरमबोर्ड और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए वितरित की गई। ये क्लब गांव, नगर पंचायत, नगर पालिका, जनपद और जिला पंचायत स्तर तक सक्रिय रहे, लेकिन इनकी पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
कई स्थानों पर यह राशि राजनीतिक रूप से जुड़े लोगों और पदाधिकारियों को मनमाने ढंग से वितरित की गई। अब सवाल यह उठ रहा है कि इतनी बड़ी राशि किस मद से आई और इसका जनता को क्या सीधा लाभ मिला? क्या इन क्लबों द्वारा कोई ठोस सामाजिक कार्य हुआ, या यह केवल राजनीतिक लाभ लेने का माध्यम बन गया?
इस मामले की जांच की मांग अब तेज हो गई है। बिलासपुर निवासी मनीष अग्रवाल ने माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय नगरीय विकास मंत्री तोखन साहू, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजकर इस पूरे मामले की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि जिले से लेकर गांव तक, हर स्तर पर इन क्लबों को दी गई राशि के उपयोग की जांच कराई जाए। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया जाए कि क्या यह राशि किसी पंजीकृत चार्टर्ड अकाउंटेंट या सरकारी विभाग द्वारा ऑडिट कराई गई है या नहीं।
यदि जांच होती है तो यह कांग्रेस कार्यकाल का एक और बड़ा कारनामा साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि शासन इस मांग पर क्या रुख अपनाता है और जनता के पैसे का सही उपयोग हुआ या नहीं, यह कब सामने आता है।

