
बिलासपुर।आपसी रिश्तो में जिद तो कभी मारपीट और कभी पति पत्नी के रिश्तों में माता पिता का हस्तक्षेप यही कारण है जो किसी परिवार को बिखरने से नही रोक सकता। महिला थाना में संचालित परिवार परामर्श केंद्र इन्हीं रास्तों को बचाने का हर संभव प्रयास करता है कुछ ऐसा ही मामला बुधवार को देखने को मिला परामर्श केंद्र में 11 के आए जिनमें से 2 मामलों में दोनों पक्षों का आपसी समझौता कराकर परिवार को टूटने से बचाया गया।
पहले मामले में आवेदिका श्रीमती गुलशन सिंह जिसका विवाह 10 वर्ष पूर्व बसंत सिंह से हुआ था।पति के ऊपर छोटी-छोटी बातचीत को लेकर मारपीट करने का आरोप लगाया था। आवेदिका के मुताबिक पति उसे दबाव मे रखते हुए अपनी मनमुताबिक ही रहने को कहता था साथ ही खर्च भी नहीं देता। वही अ नावेदक जो गवर्नमेंट टीचर है का कहना था की उसकी पत्नी माता-पिता और परिवार वालों का सम्मान नहीं करती और उनके लड़की के माता-पिता का भी उनके वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप रहता है अन आवेदक बसंत का यह भी कहना है कि उसकी पत्नी गुलशन उसके हिसाब से ही रहे और घर में साड़ी पहन कर रहे ,सलवार सूट पहनने पर भी उन्हें आपत्ति थी दोनों पक्षों की बात को महिला परामर्श केंद्र की काउंसलर डॉ अलका शर्मा और अवनी सिंह ने सुना और दोनों के बीच समझा बुझाकर समझौता कराया गया। इसी प्रकार दूसरा मामला रोहित रजक और सुमन का कैवर्त के बीच था। दोनों ने 5 वर्ष पहले आर्य समाज रायपुर में शादी की थी । सुमन अपने ससुराल में ही रहती थी जिसने अपने पति रोहित पर मारपीट का आरोप लगाया साथ ही साथ में रह रहे ननंद के द्वारा परेशान करने का आरोप भी लगाया रोहित कारपेंटर है। बुधवार को दोनों परिवार परामर्श केंद्र में उपस्थित हुए जहां काउंसलर डॉ अलका शर्मा और अवनी सिंह ने पत्नी को अच्छे से रखने की समझाइश दी और रोहित ने अलग किराए से कमरा लेकर सुमन को रखना स्वीकार किया इस तरह दोनों के बीच आपसी हम समझौता होने से एक और परिवार टूटने से बचा ।

