
बिलासपुर। नैक द्वारा ए ग्रेड प्रदत्त महाविद्यालय डी.पी. विप्र महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रोफ़ेसर यूपेश कुमार एवं उमेश कुमार राष्ट्रीय युवा परियोजना द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता एवं नेतृत्व शिविर में शामिल होकर अरुणाचल प्रदेश में युवाओं को नेतृत्व के गुरु सिखायेंगे । यह शिविर राष्ट्रीय एकता एवं नेतृत्व गुणों को विकसित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।नेतृत्व नेता का स्वभाव और कर्तव्य होता है। नेतृत्व से नेता की पहचान होती है। नेतृत्व की क्षमता नेता बनाता है एक सरल व्यक्ति जो कि धनवान ना हो परंतु अगर उसमें लोगों का नेतृत्व करने की क्षमता है तो वह नेता कहलाता है। नेतृत्व व्यक्ति के कौशल उसकी निष्ठा तथा ईमानदारी पर टिका होता है। विश्व का प्रत्येक मनुष्य नेता होता है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन काल में कुछ न कुछ कार्य करता अथवा करवाता है। जिस कार्य को उस व्यक्ति की देखरेख में पूरा किया जाता है वह व्यक्ति उस कार्य का नेतृत्वकर्ता माना जाता है। नेतृत्व का मतलब सिर्फ राजनीतिक तथा प्रशासनिक स्तर पर कार्य से नहीं है बल्कि किसी भी क्षेत्र में अपनी बातों से लोगों को अपने वश में करना तथा उन्हें भरोसा दिलाना जो व्यक्ति इस कार्य करने में सक्षम है उसमें नेतृत्व की क्षमता होती है जो कि एक नेता में अवश्य तथा स्वाभाविक गुण है। नेतृत्व एक कला है एक विचार है यह एक पहचान है। एलन कीथ गेनेटेक के अनुसार “नेतृत्व वह है जो अंततः लोगों के लिए एक अच्छा मार्ग बनाना जिसमें लोग अपना योगदान देकर कुछ असाधारण कर सके।
“नेतृत्व करता के नेतृत्व पर कार्य के सफल या असफल होने की बात होती है। मान लीजिए आपको बिजनेस कर रहे हैं तो उसमें आपके व्यवहार के अनुसार आपके कर्मचारियों की व्यवहार होगी। आपके स्वभाव, विचार, प्लान पर कर्मचारी आपके अनुसार कार्य करेंगे।अतः आपका नेतृत्व जैसा रहेगा आपके कर्मचारी भी उसी तरह काम करेंगे। नेतृत्व मानव के शक्ति, शौर्य, सम्मान की शान होती है। शासन करना, निर्देश देना, निर्णय लेना यह सब सबके बस की बात नहीं है। इसके लिए व्यक्ति में इसका गुण होता है। नेतृत्व इस सब बातों का सांझा मेल होती है। नेतृत्व के बिना सामाजिक संचालन संभव नहीं है। बिना नेतृत्व समाज में अराजकता उत्पन्न हो जाएगी। सामाजिक व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।कोई भी क्षेत्र जैसे सामाजिक तथा राजनीतिक धार्मिक तथा औद्योगिक पारिवारिक तथा सामुदायिक नेतृत्व के आधार स्तंभ पर ही कायम है। किसी भी कार्य में होने वाले निरीक्षक को ही नेता कहा जाता है। कार्य करवाने का जिम्मा नेता पर होता है और नेता के दिशा निर्देश पर कार्यकर्त्ता उस कार्य को पूरा करता है।
नेतृत्व प्रबंधन का मुख्य पूरक है प्रबंध के बिना कोई कार्य संभव नहीं है। प्रबंध करना प्रबंधक का काम होता है तथा प्रबंध प्रगतिशील बनाना नौकरों तथा उससे छोटे पदाधिकारियों का। प्रबंधक द्वारा किया गया प्रबंधन ही नेतृत्व कहलाता है। नेता बनने के लिए यह आवश्यक होती है कि नेतृत्व का प्रभाव सभी वर्ग पर समान डाल सके ताकि इससे प्रभावित होकर लोग उसे अपना नेता माने। सफल नेतृत्व का गुण सफल नेतृत्व उसके नेता के गुण से होता है। एक सफल नेता को सरल, स्वाभाविक, न्यायप्रिय, कठोर नितिन निपुण तथा ज्ञानी हो सके ताकि वह अपने आप को सबसे अलग दिखा सके। नेता में ऐसा गुण जो उसे सम्मान दिलाए उसकी एक विशिष्ट पहचान बनाए जो समाज में उसकी हैसियत बताएं उसके बोलने के तरीके जिससे मनुष्य आत्मनिर्भर हो जाए होनी चाहिए। समर्थक नेता की एक जरूरत होती है। उसकी पहचान तब एक नेता के रूप में होती है जो आपने बात और विचार से दूसरों से काम निकलवा सके। नेता को सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए पक्षपात रहित व्यवहार जिसे उसका सम्मान बढे।
एक सफल नेता अपनी जिंदगी के मकसद को हमेशा पूरा करने की कोशिश करता है। समय के साथ उसके व्यवहार में बदलाव जैसे कि कब गुस्सा करना है कब हंसना है और कब बोलना है इसके लिए उचित समय का ज्ञान भी सफल नेता की विशिष्ट पहचान होती है। नेतृत्व करने के लिए नेता में सभी गुण मौजूद होनी चाहिए नेतृत्व समाज का आधारशिला है इसके बिना मानव समाज की कल्पना ही नहीं कर सकते। प्रोफ़ेसर यूपेश के अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रीय एकता एवं नेतृत्व शिविर में चयन पर महाविद्यालय प्रशासन समिति के अध्यक्ष अनुराग शुक्ला वरिष्ठ सदस्य श्री राजकुमार अग्रवाल महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर अंजू शुक्ला, अविनाश सेठी, डॉक्टर मनीष तिवारी,डॉ.एम.एस तंबोली, डॉ.विवेक अम्बलकर, डॉक्टर संजय तिवारी,प्रोफ़ेसर ए.श्रीराम, डॉ. आभा तिवारी , प्रोफ़ेसर किरण दुबे, एन सी सी ऑफ़िसर आशीष शर्मा, प्रोफ़ेसर निधिश,महाविद्यालय वित् अधिकारी श्री एस आर चंद्रवंशी,प्रोफ़ेसर रुपेंद्र शर्मा, विकास सिंह चित्रकात, उमेश साहू बृजेश बोले अरुण नथानी दुर्गेश वर्मा मनीष मिश्रा,मनोज, धनेश रजक, गवेंद्र, निखिल, शुभ उपाध्याय,हेमराज, रतिक, विभांशु अवस्थी,विक्की निर्मलकर, संध्या साहू एवं महाविद्यालय परिवार द्वारा शुभकामनाएँ दी गई ।

