* बाल संगीत सभा की अष्टम कड़ी में 32 नृत्य कला साधिकाओं ने कृष्ण भजनों पर दी प्रस्तुति।
बिलासपुर।कला एवं साहित्य के लिए समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की बिलासपुर इकाई द्वारा बाल संगीत सभा की अष्टम कड़ी का आयोजन श्री अतुल वैष्णव तहसीलदार बिलासपुर के मुख्य आतिथ्य डा. रश्मि लता मिश्रा वरिष्ट कवयित्री एवं समाजसेविका बिलासपुर की अध्यक्षता, श्री प्रदीप देशपांडे मुख्य वक्ता एवं श्री मोहन देवपुजारी अध्यक्ष महाराष्ट्र मंडल, राजेश सोनार अध्यक्ष संस्कार भारती के विशिष्ट आतिथ्य में रेलवे महाराष्ट्र मंडल टिकरापारा में संपन्न हुआ। प्रारंभ भगवान श्री कृष्ण के चित्र पर दीप।प्रज्वलन एवं पूजन अर्चन कर किया गया। अतिथियों के स्वागत पश्चात संगीत सभा की शुरुवात सुश्री राधिका पांखी के निर्देशन में उनके शिष्यों द्वारा प्रस्तुत कथक शैली में नृत्य से हुई जिसमे उद्धव ठक्कर, अंशिका गुप्ता, काव्य पैकरा, भाविका पोर्ते, अनुश्री बंजारे, प्रांजलि आनंद, कश्वी कौशिक, प्रियांशी आनंद ने अपनी प्रस्तुति दी, श्रीमती सविता कुशवाहा के निर्देशन में पूर्वी यादव, पल्लवी यादव, लावण्या जोशी, दिव्या पांडेय ने श्री कृष्ण भजन मीठी मीठी मेरे सांवरे की बंशी बाजे पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी, श्रीमती श्वेता नायक के निर्देशन में एस. स्तुति रेड्डी ने भरतनाट्यम की सुंदर प्रस्तुति दी, वही नीलम शर्मा के निर्देशन में आकांक्षा जाधव ने नृत्य की प्रस्तुति दी कार्यक्रम संयोजिका डा. विजया राजपुत के निर्देशन में अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम गीत पर वैष्णवी सिंह राजपूत ने , महाभारत के शीर्षक गीत पर वैशाली सिंह राजपूत एवं विदिशा वाहने ने, एस नीरजा ने कथक नृत्य, एवं मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया गीत पर एस नीरजा, सान्वी माहेश्वरी, यू चावी, सासी मिश्रा, धृति दुबे, श्रिया अग्रवाल, अंसुला साहू, श्रृष्टि यादव, आस्था श्रीवास, नेहा यादव अद्भुत समूह नृत्य प्रस्तुत कर पूरे सदन की तालियां बटोरी। आयोजन के मुख्य वक्ता श्री प्रदीप देशपांडे ने जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा की समाज को संस्कारित करने के लिए समय के अनुशासन का पालन करना बेहद आवश्यक है, मुख्य अभ्यागत श्री अतुल वैष्णव ने कहा की हमारा पारंपरिक शास्त्रीय संगीत वर्षो पुराना है, उन्होंने आगे कहा की हमारी पारंपरिक शास्त्रीय संगीत कहीं ना कही ईश्वर तक पहुंचने का एक आध्यात्मिक माध्यम है। अध्यक्षता कर रही डा. रश्मि लता मिश्रा ने कहा की आज के आयोजन में बाल कला साधकों ने अपने नृत्य में भारतीय सभ्यता, संस्कृति और अध्यात्म को प्रस्तुत किया है, जो अपने आप में प्रशंसनीय है। कार्यक्रम का सफल संचालन संयोजिका डा. विजया राजपुत ने एवं आभार इकाई महामंत्री बालमुकुंद श्रीवास ने किया। कार्यक्रम में श्री शिरीष पागे, गजानन वासुदेव फड़के, विनीता भावनानी, संध्या शुक्ला, प्रीति देशपांडे, विपिन वर्मा, विश्वनाथ कश्यप, भुवनेश्वर चंद्राकर, अनिल गढ़ेवाल, सन्निधि विश्वनाथ राव, योगेश करंजगावकर, चंद्रशेखर देवांगन, नीरज जोशीप्रकाश बावरे, सोनू, अनिल कायरकर, मोना केंवट, आशा कश्यप, माया चंद्राकर, अंजनी कुमार तिवारी, पूर्णिमा त्रिपाठी, मधु सिंह राजपूत, सोमा दत्ता, शिबानी बोस, अमिता सिंह, ममता जोशी, राकेश साहू, एस धनलक्ष्मी, निधि यादव, एन स्तुथी रेड्डी, एन शैलजा, यू पूजा, मौसमी वाने, सचिन सिंह, आदित्य बोस, प्रकाश चंद्र, वैभव जोशी, एन उमराज, मनमोहन प्रसाद एवं बड़ी संख्या में कला प्रेमी, प्रबुद्धजन विशेष रूप से उपस्थित थे।


