Conversion in the name of cooperation is wrong: Saint Riteshwar Maharaj was given a grand welcome in Pendra..
पेण्ड्रा : वृंदावन के श्री आनंदम धाम के संस्थापक संत रितेश्वर महाराज का सोमवार को पेण्ड्रा नगर में आगमन हुआ, जहाँ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी, मातृ शक्ति संगठन और नगर के गणमान्य नागरिकों ने उनका भव्य स्वागत किया। दुर्गा चौक पर आयोजित इस स्वागत समारोह में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे, जो कई घंटों से संत के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे थे। जैसे ही संत रितेश्वर महाराज पेण्ड्रा पहुँचे, उपस्थित जनसमूह ने श्रद्धा और भक्ति के साथ उनका अभिनंदन किया और भव्य आतिशबाजी की गई।

इस अवसर पर अपने संबोधन में संत रितेश्वर महाराज ने भारत को सनातन संस्कृति का देश बताते हुए ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के संदेश और सभी को अपना मानने की भावना पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अतीत में सनातनियों का शोषण हुआ, लेकिन अब युवा पीढ़ी सनातन धर्म से जुड़ रही है, जो न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी फैल रहा है। उन्होंने इसे सनातन का सही अर्थों में पुनरुत्थान बताया।

छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बढ़ते धर्मांतरण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संत ने कहा कि भोग के प्रलोभन में लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि धर्म दया, सेवा और सहयोग सिखाता है, परन्तु सहयोग के नाम पर धर्मांतरण कराना सर्वथा अनुचित है। उन्होंने धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए सरकार के साथ-साथ जनता को भी जागरूक होने का आह्वान किया। संत ने माता-पिता से अपने बच्चों को संस्कार देने की अपील की और इस दिशा में ‘सनातन शिशु शाला’ की स्थापना की जानकारी दी, जहाँ बच्चों को संस्कार और भगवान राम की शौर्य गाथाओं से परिचित कराया जाएगा। इसके लिए वे स्वयं पूरे भारत का भ्रमण कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विषय पर संत रितेश्वर महाराज ने कहा कि नक्सली भी भारत के नागरिक हैं। कुछ विदेशी ताकतों के प्रभाव में आकर देश के विरुद्ध हो गए हैं, जिनके खात्मे की बात गृहमंत्री ने 2026 तक कही है। उन्होंने यह भी कहा कि जो ग्रामीण जल, जंगल और जमीन के कारण भटक गए हैं और जिनका शोषण हुआ है, उन्हें समझाकर समाज की मुख्यधारा में वापस लाना आवश्यक है।
स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य कामता महाराज, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष हर्ष छाबरिया, प्रकाश साहू, सागर पटेल, संदीप सिंघई, ज्ञानेंद्र चतुर्वेदी, मदन पांडे, अर्जुन सिंह, रमेश बजाज, विमल मिश्रा, बृजेश सोनी, मोहनी शंकर तिवारी, सरोज पवार, प्रिया त्रिवेदी, आकांक्षा साहू, विनय पांडे, शिवम साहू, भूपेंद्र चौधरी, उमाकांत सोनी समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। संत रितेश्वर महाराज के विचारों ने उपस्थित जनसमूह को गहराई से प्रभावित किया और सनातन संस्कृति के प्रति निष्ठा को और मजबूत किया।

