गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही: आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा क्रीड़ा परिसर छात्रावास पेण्ड्रारोड में कुल आठ कार्य लगभग 1.18 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण, मरम्मत एवं अन्य कार्य निविदा के माध्यम से कराए गए थे। इन कार्यों को लेकर शिकायतकर्ता ने कलेक्टर को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप था कि निर्माण कार्य की निविदा का प्रकाशन किसी भी बड़े समाचार पत्र में नहीं किया गया और इसे छत्तीसगढ़ प्रोक्योरमेंट साइट पर भी नहीं डाला गया था।

जांच समिति ने इन आरोपों की जांच की और पाया कि सहायक आयुक्त कार्यालय द्वारा विधिवत जनसंपर्क संचालनालय रायपुर को निविदा जारी करने के लिए मेल किया गया था। शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत दो समाचार पत्रों में निविदा के प्रकाशन का कोई प्रमाण नहीं मिला। निविदा को छत्तीसगढ़ प्रोक्योरमेंट साइट पर इसलिए नहीं डाला गया क्योंकि केवल 20 लाख रुपये या इससे अधिक की निविदाओं का ऑनलाइन प्रकाशन अनिवार्य होता है। जारी की गई निविदा में सारे कार्य 20 लाख से कम की राशि के थे। इस प्रकार, शिकायत समिति ने शिकायतकर्ता के दोनों आरोपों को खारिज कर दिया।
शिकायत में यह भी आरोप था कि मरम्मत का ठेका 20 प्रतिशत से कम पर दिया गया है, जिसका भी कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया। इस आरोप को भी जांच समिति ने खारिज कर दिया। क्रीड़ा परिसर की बाउंड्री वाल की मरम्मत के पहले की स्थिति की जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन जांच समिति ने मौके पर सभी माप सही पाए और कोई भी काम माप से कम नहीं पाया गया।
शिकायतकर्ता ने आदिवासी विकास विभाग के बाबू सचिन तिवारी पर आरोप लगाया था कि वे विभाग में ठेकेदारी करते हैं और अन्य कामों को प्रभावित करते हैं। जांच समिति ने पाया कि सचिन तिवारी ने अपने कार्य में कोई लापरवाही नहीं की और शासकीय धन के आहरण या भुगतान में किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया।
शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद कलेक्टर कमलेश लीना मांडवी ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था। समिति ने निर्माण स्थल से लेकर तमाम पहलुओं की सूक्ष्मता से जांच की और पाया कि निविदा के सभी कार्य विधिवत नियमानुसार किए गए थे। आदिवासी विकास विभाग पर लगे आरोपों में कोई भी गंभीर अनियमितता नहीं पाई गई। निर्माण कार्यों के मूल्यांकन सत्यापन सही पाए गए।
जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है, जिसमें किसी भी अनियमितता का प्रमाण नहीं मिला है। इस रिपोर्ट के बाद, आदिवासी विकास विभाग पर लगे सभी आरोप खारिज हो गए हैं।
प्रिया गोयल, संयुक्त कलेक्टर और जांच समिति सदस्य, ने कहा कि सभी कार्य नियमानुसार और विधिवत संपन्न किए गए हैं, और कोई भी गंभीर अनियमितता नहीं पाई गई।

