बिलासपुर। नगर निगम प्रशासन द्वारा की गई हालिया कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेता लक्ष्मीनाथ साहू ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि तिफरा क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग को लेकर जो आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं, उनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।
प्रेस क्लब बिलासपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लक्ष्मीनाथ साहू ने कहा कि नगर निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई राजनीति से प्रेरित और बदले की भावना से ग्रसित है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब वार्ड क्रमांक 5 की पार्षद एवं उनकी पत्नी गायत्री साहू द्वारा नगर निगम के खिलाफ किए गए शांतिपूर्ण प्रदर्शन का प्रतिशोध है।
“मेरे खिलाफ कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण”
लक्ष्मीनाथ साहू ने कहा कि हाल ही में वार्ड की मूलभूत समस्याओं को लेकर पार्षद गायत्री साहू के नेतृत्व में महिलाओं ने विकास भवन का घेराव किया था। इस लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन के ठीक बाद निगम प्रशासन ने पार्षद, उनके पति और अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी -जिसे उन्होंने अलोकतांत्रिक, दुर्भावनापूर्ण और जनप्रतिनिधियों के अपमान की संज्ञा दी।
साहू ने दावा किया कि तिफरा क्षेत्र के खसरा नंबर 142 में जिस 2.5 एकड़ अवैध प्लॉटिंग की बात की जा रही है, उसमें उनका और उनके भाइयों का नाम सिर्फ 60 डिसमिल कृषि भूमि तक ही सीमित है, जिस पर न तो कोई प्लॉटिंग की गई है और न ही कोई खरीद-बिक्री हुई है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से उन्हें और उनकी पत्नी को बदनाम करने की साजिश है।
साहू ने प्रशासन से तीखे सवाल पूछते हुए कहा :
क्या लोकतंत्र में जनता की समस्याएं उठाना अपराध है?
क्या जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने वाले जनप्रतिनिधियों को प्रताड़ित किया जाएगा?
क्या महिला जनप्रतिनिधियों का इसी तरह अपमान होता रहेगा?
उन्होंने निगम प्रशासन को चेतावनी दी कि चाहे जितनी भी साजिशें रची जाएं, वे जनता की आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। जब-जब जनता के हक की बात होगी, वे आंदोलन के हर स्तर पर संघर्ष करते रहेंगे।
लक्ष्मीनाथ साहू का यह बयान साफ संकेत देता है कि नगर निगम और जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव की स्थिति और बढ़ सकती है। जहां एक ओर कांग्रेस नेता इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रहे हैं, वहीं प्रशासन की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

