Commitment to service with skill: Art of Living training showed a new path to 43 youth..
बिलासपुर : ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में आर्ट ऑफ लिविंग ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। संस्था के सुरक्षा प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कार्यक्रम के पहले चरण में देशभर के 43 युवक-युवतियों ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 17 से 25 मार्च तक आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस आवासीय कार्यक्रम में 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ये युवा नौ अलग-अलग राज्यों – पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और दिल्ली से आए थे। कई प्रतिभागियों के लिए यह पहला अवसर था जब उन्होंने अपने घरों से दूर रहकर कौशल विकास का प्रशिक्षण प्राप्त किया और आत्मविश्वास से भरे एक नए वातावरण का अनुभव किया।
श्री सुमेरु रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड की एक शाखा श्री सुमेरु सुरक्षा एलएलपी के तत्वावधान में संचालित इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2026 तक 10,000 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करना है। इस पहल के तहत युवाओं को सुरक्षा सेवाएं, हाउसकीपिंग, ड्राइविंग, इलेक्ट्रिकल वर्क और बुजुर्गों की देखभाल जैसे क्षेत्रों में रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है।
प्रशिक्षण तीन चरणों में आयोजित किया जाता है, जिसमें 10 दिनों का आवासीय फाउंडेशन मॉड्यूल, दो महीने का ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी) और प्लेसमेंट सपोर्ट शामिल है। इस पहले बैच के प्रतिभागियों का ओजेटी 27 मार्च से शुरू हो चुका है और अब तक 18 प्रशिक्षुओं को ₹17,000 तक के शुरुआती वेतन के साथ नौकरी के प्रस्ताव भी मिल चुके हैं।
दिल्ली की प्रतिभागी अर्चना चौरेसिया ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं यहां सुरक्षा प्रशिक्षण को समझने आई थी, लेकिन अब मुझे लगता है कि मैं न केवल यह काम कर सकती हूं, बल्कि दूसरों को भी प्रशिक्षित करने में सक्षम हूं।” यह कार्यक्रम केवल तकनीकी कौशल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जीवन की चुनौतियों और तनावों से निपटने के तरीके भी सिखाए जाते हैं। अर्चना ने आगे कहा, “सुदर्शन क्रिया सीखना मेरे लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हुआ है। मैं अब स्वयं को हल्का और शांत महसूस करती हूं। इस प्रशिक्षण ने मुझे सिर्फ कमाने का जरिया ही नहीं, बल्कि आंतरिक शांति भी प्रदान की है।”
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में आत्मरक्षा, शारीरिक फिटनेस, प्रभावी संवाद कौशल, बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान और भाषा विकास जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा प्रमाणित सामग्री और प्रशिक्षण के बाद निरंतर मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।
इस पहल का अगला प्रशिक्षण सत्र 1 से 15 मई के बीच आयोजित किया जाएगा। आर्ट ऑफ लिविंग का यह प्रयास ग्रामीण युवाओं को कौशल के माध्यम से सेवा और एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

