जगदलपुर, 29 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जगदलपुर के ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) मानसिंह भारद्वाज के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि कलेक्टर को ऐसा आदेश देने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्होंने यह आदेश अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर जारी किया था।
दरअसल, मानसिंह भारद्वाज ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि वे 2 जून से 6 जून 2025 तक अपने भतीजे की शादी में शामिल होने मध्यप्रदेश के सिवनी गए थे। उनकी छुट्टी स्वीकृत थी, लेकिन 4 जून को उनकी छुट्टी रद्द कर दी गई और 5 जून को उन्हें उपस्थिति देने का निर्देश मिला। वे लौटते, उससे पहले ही 6 जून को उनका निलंबन आदेश जारी कर दिया गया।
बिना नोटिस और सुनवाई के हुई कार्रवाई..
याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा कि इस कार्रवाई से पहले न तो उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया और न ही व्यक्तिगत सुनवाई का कोई अवसर मिला। पहले इस याचिका को सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद मानसिंह भारद्वाज ने डिवीजन बेंच में अपील दायर की थी।
कलेक्टर को नहीं हैं निलंबन का अधिकार..
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा कि कलेक्टर नियुक्ति प्राधिकारी नहीं हैं, इसलिए उनके पास निलंबन का अधिकार नहीं है। यह अधिकार केवल संभागीय आयुक्त या स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को ही है। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि आदेश पर कलेक्टर के हस्ताक्षर नहीं थे, बल्कि किसी अधीनस्थ अधिकारी ने हस्ताक्षर किए थे, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि संभागीय आयुक्त चाहें, तो नियमों के तहत दो सप्ताह के भीतर आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं।

