Bilaspur: Emergency meeting and silent procession held at Bilaspur Press Club to protest the murder of journalist Mukesh Chandrakar.. Memorandum submitted. Demand for justice and emphasis on journalist safety..

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या ने प्रदेशभर में गहरा आक्रोश फैला दिया है। इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।इसे लेकर बिलासपुर प्रेस क्लब ने शनिवार की दोपहर १२ बजे आपात बैठक बुलाई, जिसमें घटना की कड़ी निंदा करते हुए न्याय की मांग की गई।
मुकेश चंद्राकर, जो बीजापुर में स्वतंत्र पत्रकार के रूप में सक्रिय थे, उनकी हत्या के पीछे की वजहों का अब तक स्पष्ट खुलासा नहीं हुआ है। पत्रकारों का मानना है कि इस घटना में निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिले।
बिलासपुर प्रेस क्लब में हुई बैठक में पत्रकारों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि हत्याकांड की जांच छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में कराई जानी चाहिए। बैठक के बाद मृतक पत्रकार को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। इसके उपरांत, सभी पत्रकारों ने राघवेंद्र राव सभा से कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मौन जुलूस निकालकर विरोध जताया।
पत्रकारों ने एडिशनल कलेक्टर और जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में निम्नलिखित मांगे रखी गईं:
1. पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए।
2. हत्याकांड की जांच हाई कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में कराई जाए।
3. मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए।
4. फील्ड में काम करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने शासन से निर्देश जारी हों।
. केंद्रीय आवास राज्य मंत्री तोखन साहू को भी ज्ञापन सौंपा गया। इसमें पत्रकार सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की गई।

