बिलासपुर। सपनों का घर दिलाने का झांसा देकर एक महिला ने 14 लोगों से 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। मामला बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र का है, जहां अटल आवास योजना के नाम पर फर्जी रसीदें छपवाकर लोगों से लाखों रुपए वसूले गए। सरकंडा पुलिस ने इस मामले में राजकिशोर नगर की रहने वाली सपना सराफ को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेज दिया है।
यूं हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा..


सरकंडा थाना प्रभारी नीलेश पांडेय के अनुसार, सपना सराफ लोगों को सरकारी आवास दिलाने का लालच देती थी। उसने नगर निगम के नाम पर बाकायदा फर्जी रसीदें छपवाईं और लोगों से पैसे वसूलने लगी। इस धोखाधड़ी का शिकार बनीं दो महिलाओं, उमा साहू और संतोषी विश्वकर्मा, ने उसे 3.40 लाख रुपए दिए।
जब काफी समय बीत जाने के बाद भी उन्हें अटल आवास नहीं मिला, तो उन्हें ठगी का शक हुआ। तब उन्होंने इन रसीदों की जांच कराई। नगर निगम के कार्यपालन अभियंता एसपी साहू ने रसीदों को देखते ही पहचान लिया कि ये नकली हैं। रसीद बुक का क्रमांक और छपाई नगर निगम की मूल रसीद बुक से बिल्कुल अलग थी।
पीड़ितों ने पीएमओ तक की शिकायत..

ठगी का शिकार हुई उमा साहू और संतोषी विश्वकर्मा ने इस मामले की शिकायत सीधे पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय), कलेक्टर जनदर्शन और नगर निगम कमिश्नर से की। जांच में सपना सराफ का फर्जीवाडा सामने आ गया। इसके बाद कमिश्नर के निर्देश पर नगर निगम के सहायक ग्रेड-3 सौरभ तिवारी ने सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करना) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले..
यह पहला मौका नहीं है जब बिलासपुर में सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। इससे पहले वार्ड 50 के तत्कालीन कांग्रेस पार्षद अमित सिंह पर भी अटल आवास के नाम पर वसूली के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई थी। इस नए मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर सरकारी योजनाओं के नाम पर इस तरह की ठगी को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल हैं।

