बिलासपुर।छत्तीसगढ़ प्रवासी मजदूर संगठन द्वारा अंबेडकर चौक में धरना प्रदर्शन किया गया प्रदर्शन के बाद मजदूरों द्वारा श्रम आयुक्त को मजदूरों की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा गया । प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कई जिलों से मजदूर संयुक्त मोर्चा के प्रदर्शन में शामिल हुए ,,,। संयुक्त मोर्चा ने प्रवासी लेबर भर्ती प्रक्रिया से लेकर सभी बुनियादी नागरिक अधिकारो शिक्षा – स्वास्थ्य – सरकारी राशन वितरण, आवास आदि का समुचित देखरेख क्रियान्वयन के लिए लेबर एक्सचेंज बोर्ड” (प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड) बनाकर उसके स्थानीय निकाय/ उपक्रम- प्रवासी श्रमिक सहायता केन्द्र” बनाया जाय इस बोर्ड एवं निकाय में शासकीय मशीनरी के साथ मजदुर संगठनों के प्रतिनिधियों को भी सदस्य रखे जाने की मांग की
उनकी मांगों में प्रमुख रूप से प्रवासी मजदूरों के शोषण व कम मजदूरी में काम लेने के मजदूर विरोधी सौदागरों / ठेकेदारों पर सार्थक कार्यवाही के लिए AHTU (एन्टी इयूमन ट्रैफकिंग यूनिट) का गठन प्रत्येक जिला में हो। जिससे हयूमन ट्रैफकिंग को रोकने त्वरित कार्यवाही- न्याय प्रदान किया जाए मजदूरी दर व भुगतान (बैंक भूगतान सुविधा को पारदर्शी अभिलेखों की व्यवस्था मजदूरी कार्ड देने एवं असंगठित क्षेत्र में श्रम नियोजक द्वारा की जाने वाली चालाकी लूट को रोकने प्रति सप्ताह / पाक्षिक, श्रम अधिकारियों का संबंधित दस्तावेजों में प्रमाणीकरण सील हस्ताक्षर कर निरीक्षण टीप लिखे जाने की व्यवस्था किया जाय।
बंधुआ श्रम, बाल श्रम महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हिंसा को रोकन प्रत्येक श्रम ईकाई में नामजद पुलिस कर्मचारियों को (बीट / सेंटर इंचार्ज की तरह) नियुक्त किया जाय। जिससे आवासी श्रमिक जो अस्थानीय होने से जानकारी के अभाव में उपयुक्त कानूनी जिम्मेदार के पास नहीं जा सकता उसे वहां जाने में दिक्कत न हो, ऐसी व्यवस्था की जाए।
प्रवासी श्रमिक परिवार के बच्चे, जो अपने माता-पिता के साथ प्रवास पर रहते हैं, उनकी शिक्षा-स्कूल भरती नहीं होती। इस हेतु प्रवास स्थल में उनके मातृ भाषा की शिक्षा व्यवस्था के लिए उपयुक्त कार्य योजना बनाई जाय और जो बच्चे प्रवास पर नहीं जाते, उनके लिए उनके मूल निवास क्षेत्र में विशेष प्रवासी हॉस्टल खोली जाय।
सरकारी राशन व अनिवार्य उपभोक्ता वस्तुएँ प्रवास स्थल में मिलने के लिए विशेष प्रावधान बनाई जाय।
प्रवासी श्रमिक आवास स्थल बेहद अमानवीय स्थिति में रहता है। कई दुर्घटनाएं होती हैं। इस हेतु कार्यस्थल से पर्याप्त दूरी पर हो इसके लिए विशेष कानून नियम बनाई जाकर लागू किया जाए। कि, पलायन को हत्सोत्साहित करने एवं स्थानीय स्तर पर काम दिलाने की स्थिती पैदा करने और छोटे-बड़े उद्यम का प्रशिक्षण व उद्यम संचालन हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाये।
मनरेगा के काम में भ्रष्टाचार फर्जीवाड़ा करने वालों पर त्वरित गति से सजा दी जाए। मनरेगा की मजदूरी 700 /रु की जानी चाहिए और वर्षभर में कार्य दिवस 200 दिनों का एवं प्रति परिवार के स्थान पर परिवार के प्रत्येक बालिग / सदस्य को काम मिलने का प्रावधान लागू किया जाय।
सामाजिक सुरक्षा स्कीन बुढापा पेंशन (प्रतिमाह 5000/- किया जाय बीमा स्वास्थ्य – (महिलाओं को प्रसूति अवकाश भत्ता के साथ) के लिए विशेष पैकेज लागू किया जाय। प्रदर्शन के दौरान प्रवासी मजदूर संगठनों का संयुक्त मोर्चा संयोजक लखन सुबोध इंकलाबी मजदूर किसान संगठन छत्तीसगढ़ के कन्वीनर मनहरण ,छत्तीसगढ़िया बनिहार संघ सचिव रामेश्वर प्रसाद कुर्रे , ईट भट्ठा मजदूर यूनियन सचिव गुजरात दिनेश परमार, एट भट्ठा यूनियन सचिव राजस्थान रतनलाल भील, श्रमिक अधिकार एवं न्याय मंच के अध्यक्ष राम सारथी एवं मजदूर यूनियन पटाईडीह के अध्यक्ष काटले के अलावा बड़ी संख्या में मजदूर उपस्थित हुए


