बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में अनियमितताओं, लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर एनएसयूआई ने मोर्चा खोल दिया है। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने विभागीय अधिकारियों को दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ शिकायती पत्र सौंपते हुए छह अहम बिंदुओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर विभागीय कार्यालय का घेराव करेंगे।
अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप..

शिकायत में प्रमुख आरोप यह है कि अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर अपात्र लोगों को नौकरी दी गई है। जिन कर्मचारियों को नियमानुसार दो वर्षों के भीतर हिंदी टाइपिंग परीक्षा पास करनी थी, वे पाँच साल बाद भी परीक्षा नहीं दे पाए हैं, फिर भी न केवल उनकी सेवा बनी रही, बल्कि उन्हें प्रमोशन तक दे दिया गया।
प्रमोशन और वरिष्ठता सूची में अनियमितता..
रंजेश सिंह ने आरोप लगाया कि विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं की गई हैं। वरिष्ठता सूची से छेड़छाड़ कर कनिष्ठ कर्मचारियों को तरजीह दी गई और कुछ को तो बिना सूची जारी किए ही प्रमोशन दे दिया गया।
पदस्थापना में लेन-देन और राजनीतिक हस्तक्षेप..
शिकायत में सबसे गंभीर आरोप कर्मचारियों की मनमानी पदस्थापना को लेकर है। सिंह का कहना है कि शासन और न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद सैकड़ों कर्मचारियों को नियमों को ताक पर रखकर मनचाही जगहों पर वर्षों से संलग्न किया गया है, जो भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव का परिणाम है।
फर्जी नियुक्तियों और आरटीआई में भ्रामक जानकारी का आरोप..
एनएसयूआई नेता ने यह भी आरोप लगाया कि मेडिकल लैब टेक्नीशियन (एमएलटी) की भर्ती में हाईकोर्ट के “विचार हेतु” आदेश को “नियुक्ति हेतु” आदेश के रूप में दिखाकर फर्जी नियुक्तियां की गईं। कई पदस्थापन उन स्थानों पर कर दिए गए, जहां स्वीकृत पद ही नहीं हैं। साथ ही आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में विभाग द्वारा झूठ और भ्रामक जानकारी दी गई है। विभाग का आरटीआई पोर्टल आज तक शुरू नहीं हुआ है और पूर्व की शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
आंदोलन की चेतावनी..
रंजेश सिंह ने कहा कि वे सभी आरोपों से संबंधित दस्तावेज जांच एजेंसियों को देने के लिए तैयार हैं। यदि विभाग ने 15 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं की, तो एनएसयूआई चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी।

इस दौरान उनके साथ एनएसयूआई के पुष्पराज साहू, करण यादव, प्रदीप सिंह, सुमित सिंह ठाकुर, मीत सोनवानी, वेद राजपूत, सुदामा साहू, अंकुश और सूर्यांश तिवारी भी मौजूद रहे।

