बिलासपुर । बीते चार पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश ने बिलासपुर नगर निगम के बारिश पूर्व नाले नालियों की सफाई के दावों की पोल खोल दी है। रविवार को शहर में सड़कों पर दरिया जैसी धार बहती रही। नाले नालियों का गंदा पानी घरों में घुस गया जिससे लोगों का सामान भीगकर बर्बाद हो गया और कईयों का राशन भीगने से उन्हें भूखा प्यासा रहना पड़ा। इसी बीच टैगोर चौक स्थित अंबा पेट्रोल पंप की भारी भरकम दीवार ढह गई जिसकी चपेट में आने से टिकरापारा के ऑटो चालक का ऑटो बाइक और स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गए। लगभग 10 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है।

शनिवार रात से रविवार दोपहर तक हुई अनवरत बारिश ने पूरे शहर का हाल बेहाल कर दिया। जिन नाले नालियों की सफाई का दावा किया गया था वे गले तक मलबे से भरे हुए थे। नतीजा यह हुआ कि बदबूदार गंदा पानी सड़कों पर दरिया की तरह बहने लगा और फिर यही पानी गलियों से होते हुए लोगों के घरों तक घुस गया जिससे लोग बेहद परेशान रहे।
आम आदमी तो दूर की बात जिला अस्पताल परिसर में स्थित हनुमान मंदिर तक की समस्या का निदान प्रशासन ने शिकायत के बाद भी नहीं किया। जिला अस्पताल के जच्चा बच्चा अस्पताल परिसर में हनुमान जी के मंदिर में भी बारिश का पानी भरा रहा और भगवान की मूर्तियां डूबने की नौबत आ गई। इससे भी शर्मनाक बात यह है कि इस बारिश के पानी में अस्पताल के सीवरेज का पानी भी मिला होता है। मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए पिछले दिनों कांग्रेस नेता शिवा मिश्रा और वार्ड पार्षद ओम कश्यप के नेतृत्व में मंदिर से जुड़े लोगों और मोहल्लेवासियों ने जिलाधीश और सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने बताया था कि मंदिर में सीवर लाइन का पानी घुसता है और बारिश में मंदिर में मूर्तियां डूब जाती हैं पर किसी ने इसके निदान के लिए कोई पहल नहीं की।
सदर बाजार,गोलबाजार,श्रीकांत वर्मा मार्ग,निरालानगर, पुराने बस स्टैंड समेत पूरे शहर की सड़कों पर पानी की तेज धार बहती रही। सीपत रोड से लगे जोरापारा,बंधवपारा,कपिल नगर से लेकर मोपका तक नाले नालियों के मलबे से भरे होने और निकासी का इंतजाम न होने से सड़क से लेकर गलियों और घरों में पानी भरा रहा। मोपका में तो पार्षद मोहन श्रीवास को नगर निगम से एक्सकेवेटर मंगवाकर दीवार तोड़वाकर पानी की निकासी करानी पड़ी। यहां लोगों ने बिना अनुमति प्लॉट खरीदकर भवन निर्माण करा लिया है जिससे पानी निकासी की गंभीर समस्या पैदा हो गई है।

