Reservation ticket counters closed at many railway stations including Bilaspur, passengers are facing problems..

बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के अंतर्गत कई स्टेशनों पर आरक्षित टिकट काउंटरों की संख्या बढ़ाने के बजाय पहले से संचालित काउंटरों को कम कर दिया गया है। रेलवे अधिकारियों द्वारा जारी फरमान के तहत कोरबा, रायगढ़, शहडोल सहित अन्य स्टेशनों पर कई आरक्षित टिकट काउंटर बंद कर दिए गए हैं।

इतना ही नहीं, जिन काउंटरों को बंद किया गया, उनमें वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष रूप से आरक्षित काउंटर भी शामिल हैं। इसके अलावा, कई काउंटरों पर सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था कर दी गई है, जिससे नकद भुगतान करने वाले यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
15 मार्च से लागू हुआ नया आदेश..

यह आदेश रेलवे विभाग के सीसीएम कार्यालय द्वारा पारित किया गया और 15 मार्च से लागू कर दिया गया। इससे आम जनता और खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों एवं ग्रामीण यात्रियों को परेशानी हो रही है, क्योंकि कई लोग डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं रखते।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्टेशनों के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण के चलते कुछ काउंटरों को अस्थायी रूप से हटाया गया है, लेकिन यात्रियों का मानना है कि रेलवे प्रशासन की यह मनमानी नीतियाँ जनता को दुविधा में डाल रही हैं।
बिलासपुर के नेहरू चौक टिकट काउंटर भी बंद..
बिलासपुर शहर के नेहरू चौक स्थित आरक्षित टिकट काउंटर को भी बंद कर दिया गया है। रेलवे प्रशासन का तर्क है कि बिल्डिंग उचित स्थिति में नहीं थी, लेकिन अब तक किसी अन्य स्थान पर नया काउंटर खोलने की व्यवस्था नहीं की गई।
ऑटोमैटिक टिकट मशीन से भी समस्या..
स्टेशन पर जनरल टिकट के काउंटर कम करके ऑटोमैटिक टिकट मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन सभी यात्रियों को इनका उपयोग करना नहीं आता। इससे या तो लोग ट्रेन छोड़ देते हैं या बिना टिकट यात्रा करने को मजबूर होते हैं, जिससे पेनल्टी भरने की नौबत आती है।
रेलवे वेलफेयर फंड का सवाल..
यात्रियों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि रेलवे प्रशासन अपने वेलफेयर फंड का उपयोग अधिकारियों की सुविधाओं के लिए करता है, लेकिन यात्रियों के लिए मूलभूत सेवाओं पर खर्च नहीं करता। बिलासपुर समेत कई शहरों में रेलवे द्वारा स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर चौक-चौराहों, गार्डन और सड़कों के रखरखाव में सहयोग नहीं किया जाता, जबकि अन्य राज्यों में ऐसा किया जाता है।
रेल मंत्री और मुख्यमंत्री से मांग..

पूर्व एल्डरमैन मनीष अग्रवाल सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री तोखन साहू और बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल को पत्राचार कर यात्री सुविधाएँ बहाल करने की माँग की है।
रेलवे प्रशासन को चाहिए कि नवनिर्माण कार्य के साथ-साथ जनता की मूलभूत जरूरतों का भी ध्यान रखा जाए, ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके, न कि असुविधा।


