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> Blog > बिलासपुर > खाद्य विभाग में आधी रात को खेला: नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने चहेतों को फायदा, जनता के अधिकारों पर वार !!
बिलासपुर

खाद्य विभाग में आधी रात को खेला: नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने चहेतों को फायदा, जनता के अधिकारों पर वार !!

Jp agrawal
Last updated: 2024/10/21 at 4:41 PM
Jp agrawal Published 21/10/2024
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Midnight game in the food department: Breaking the rules, benefiting the favourites, attacking the rights of the public!!

बिलासपुर जिले का खाद्य विभाग एक बार फिर सवालों के घेरे में है, जहां अधिकारियों की मनमानी और पद की ताकत का दुरुपयोग साफ दिखाई दे रहा है। गरीबों को राहत देने के लिए बनाए गए राशन कार्ड योजना में अनियमितताओं के आरोप लगने शुरू हो गए हैं, और यह स्पष्ट होता जा रहा है कि गरीबों के हिस्से का लाभ विभाग के कुछ खास लोग उठा रहे हैं।

खाद्य विभाग के भीतर के घोटालों का पर्दाफाश तब हुआ जब जुलाई के आखिरी सप्ताह में रात के अंधेरे में अचानक कुछ खास लोगों के राशन कार्ड बनाए गए। आधी रात में विभागीय खाद्य नियंत्रक अनुराग भदौरिया की आईडी से कार्ड जारी होने का सिलसिला शुरू हुआ। न केवल नए राशन कार्ड बनाए गए, बल्कि आधी रात को बिना किसी सार्वजनिक प्रक्रिया के इन कार्डों में नाम भी जोड़े गए। जबकि गरीब जनता को महीनों तक फाइलों और दफ्तरों के चक्कर काटने पर भी समाधान नहीं मिलता, यहां कुछ विशेष लोगों के लिए आधी रात में विभागीय सेवा चालू कर दी गई।

यह मामला तब और गहराया जब इस अवैध कार्य की खबर मीडिया में उजागर हुई। इसके बाद, विभाग में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने तुरंत मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन समाधान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। बल्कि, इसके उलट, अधिकारियों ने उन लोगों को नोटिस भेजा, जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया और खबरों पर खंडन जारी करने के लिए सार्वजनिक माफी की मांग की। इस रवैये से साफ हो जाता है कि भ्रष्टाचार के आरोपों को दबाने के लिए किस हद तक प्रयास किए जा रहे हैं।

आधी रात की इस अवैध प्रक्रिया पर उठे सवाल..

सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी थी, जिसके चलते आधी रात को नियमों को ताक पर रखकर राशन कार्ड बनाए गए और नाम जोड़े गए? जबकि आम नागरिक अपने राशन कार्ड बनवाने के लिए महीनों तक संघर्ष करता है। खाद्य विभाग का यह रवैया इस बात की ओर इशारा करता है कि विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं, और यह सब अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।

बिलासपुर जिले में कलेक्टर के यहां हर सोमवार को आयोजित होने वाले जन दर्शन कार्यक्रम में सबसे ज्यादा शिकायतें खाद्य विभाग से ही जुड़ी होती हैं। चाहे वह राशन कार्ड में नाम जोड़ने की बात हो या नए राशन कार्ड बनाने की, जनता लगातार अपनी गुहार लेकर विभाग के पास पहुंच रही है, लेकिन यहां जनता को भटकाया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ आधी रात में विशेष कृपा पाने वाले लोगों को बिना किसी दिक्कत के कार्ड और सेवाएं मिल रही हैं।

खाद्य विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान..

बिलासपुर का खाद्य विभाग पहले भी कई विवादों में घिर चुका है। एपीएल राशन कार्डों को बीपीएल में बदलने और गरीबों का हक छीनने के आरोपों ने विभाग की कार्यशैली पर पहले ही सवाल खड़े कर दिए थे। अब यह नया मामला विभाग के भीतर भ्रष्टाचार और पक्षपात की तस्वीर को और भी स्पष्ट कर रहा है।

जनप्रतिनिधियों का कहना है कि उनके क्षेत्रों में लोग महीनों से अपने राशन कार्ड बनवाने के लिए गुहार लगा रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी और कर्मचारी उन्हें हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर वापस भेज देते हैं। जबकि आधी रात में “सेवा देने” वाले अधिकारी अपने चहेतों के लिए खास इंतजाम कर रहे हैं। जनप्रतिनिधि इस बात से भी नाराज हैं कि जब जनता राशन कार्ड या अन्य सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है, तब कुछ विशेष लोग बिना किसी दिक्कत के कार्ड प्राप्त कर रहे हैं।

Jp agrawal

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Jp agrawal 21/10/2024 21/10/2024
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