
बिलासपुर- डी.पी. विप्र महाविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. श्रीमती अंजू शुक्ला थी उन्होने सर्वप्रथम प्राध्यापकों एवं छात्र/छात्राओं को पर्यावरण शपथ कराया तथा अपने उद्बोधन में कहा कि पर्यापरण शब्द सस्कृत भाषा के “परि“ उपसर्ग (चारों ओर) और आवरण से मिलकर बना है। जिसका अर्थ है ऐसी चीजों का समुच्चय जो किसी व्यक्ति या जीवधारी को चारो ओर से आवृत्त किये हुये है। पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र सघ के प्रति विश्व स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु 05 जून 1972 को विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। मानव प्रकृति का गहरा नाता है जहां प्रकृति है वहां जीवन है। प्रकृति मानव के स्वस्थ जीवन के लिए बहुत कुछ देती है बदले में मानव पर्यावरण दूषित करता है और प्रकृति का दोहन करता है। प्रकृति के प्रति सभी व्यक्ति को समर्पण भाप रखना चाहिए हमारे आसपास केे नदी तालाबों जंगलों पहाड़ो पशु पक्षियों मिट्टी आदि का संरक्षण करना ग्लोबल वार्मिंग व जलवायु परिवर्तन से लोगों को जागरूक करना। प्रदूषण रोकने के लिये ऐसे कदम उठाकर सभी लोगों को शामिल करना पर्यावरण संरक्षण के कार्य माने जाते है। पर्यावरण प्रदूषण के लिए अलग-अलग थीम पर कार्य किये जाते है इस वर्ष थीम है-प्लास्टिक बैन। हमारे भारत वर्ष में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जायेंगे और अधिकारियों के टीम को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के अवैध उत्पादन, उपयोग पर नियंत्रण की जिम्मेदारी मिलेगी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. एम.एस. तंबोली एवं आभार प्रदर्शन राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. किरण दुबे द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. मनीष तिवारी, प्रो. ए.श्रीराम आई.क्यू.ए.सी. प्रभारी, डॉ. विवेक अंबलकर, डॉ. एम.एल. जायसवाल, डॉ. आशीष शर्मा, डॉ. आभा तिवारी, प्रो. विश्वास विक्टर, डॉ. रीचा हाण्डा, डॉ. अजय यादव, श्री शैलेन्द्र तिवारी,, प्रो. निधीश चौबे, प्रो. यूपेश कुमार कार्यक्रम अधिकरी रासेयो, प्रो. प्रदीप जायसवाल, प्रो. रूपेन्द्र कुमार, प्रो. बृजेश कुमार, प्रो. ज्योति तिवारी, श्री अविनाश सेठी, श्री एस.आर. चंद्रवंशी, श्री विकास सिंह, श्री अरूण नथानी, श्री यश मिरानी तथा रासेयो के श्री उमेश चंद्रा, अंकित चंद्रा, गोपाला मरावी, सुरेश देवांगन, अमित पाटले, सूरज, संध्या साहू, बनिता प्रधान, वैष्णवी सर्वे, अश्वनी, खुशी देवांगन, प्रीति साहू, आशिका घोरे एवं भौतिक विभाग के एम.एस.सी. के छात्र/छात्राएं विशेष रूप से उपस्थित थे

