
बिलासपुर।मानव को हो मानव प्यारा, इक दूजे का बने सहारा‘‘ वाले चरितार्थ करने वाले संत निरंकारी मिशन, शाखा बिलासपुर में सद्गुरू माता सुदीक्षा महाराज की कृपा से ब्रम्हज्ञानी उर्मिल जिंदल (दिल्ली) के सानिध्य में रविवार को समय प्रातः 11.00 बजे से 02.30 बजे तक स्थानीय सत्संग भवन, राजा रघुराज सिंह स्टेडियम के पीछे, इमलीपारा में जोन-स्तरीय एक दिवसीय महिला संत समागम सम्पन्न हुआ ।
संत निरंकारी मिशन नारियों में समाज सेवा कार्यो के साथ-साथ मर्यादित जीवन के साथ अपने जिम्मेदारियों को निर्वाह करने की प्रेरणा देता आ रहा है। सन्त निरंकारी मिशन कोई धर्म या सम्प्रदाय नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है । यह मिशन निराकार प्रभु (ईश्वर) की जानकारी प्राप्त कराने के बाद भक्ति करते हुए मर्यादित जीवन जीने की एक पद्धति सिखाता है। साथ ही परम पिता परमात्मा का घट-घट में दर्शन कराकर विश्व-बंधुत्व की स्थापना का प्रयत्न कर रहा है। उर्मिल जिंदल जी ने अपने विचारों में बतलाए कि मिशन महत्वपूर्ण शिक्षाओं में एक शिक्षा मर्यादा में रहकर गुरू के आर्शीवाद प्राप्त करना जोश में होश खो बैठना अच्छा नहीं होता हॅै हम सब को इस निराकार का ब्रम्हज्ञान प्राप्त हुआ है उसे संभाल कर रखना है जिस प्रकार हम कोई कीमती वस्तु जैसे कोई सोने की चैन इत्यादि जो काफी मेहनत से खरीदतें और उसे पहनकर भीड-भाड वाले जगह में जातें है तो उसे काफी संभाल कर रखतें है कि वो खो न जाये इसी हमें इस ब्रम्हज्ञान को संभालकर रखना है इसे निंदा, चुगली, वैमनस्य इत्यादि से खोना नहीं है। क्योंकि हमने 84 लाख योनियों में भ्रमण करके लंबे अरसे के बाद ये मानव का चोला प्राप्त कियें हैं और सत्गुरू इस निराकार प्रभु का दर्शन करा दियें है जो घट-घट में हैं अतः इसे ऐसे नष्ट नहीं होने देना है।
उन्होने अपने विचारों में कहें कि इस निराकार का ज्ञान प्राप्त कर लेना ही इस जीवन के लिये पूर्ण नहीं होता इसका जीवन में उपयोग करना भी अति महत्वपूर्ण होता है जिस प्रकार हम कोई स्वादिष्ट भोजन बनाते हैं जिसकी खुशबु बहुत अच्छी होती है और हम भोजन बनने की रेसेपी भी सीख ले किंत जब तक उस भोजन को ना खाया जाये तो उसका कोई मतलब नहीं होता ठीक इसी प्रकार जब तक हम इस ज्ञान का सही उपयोग नहीं करते तो भक्ति करने का कोई लाभ नहीं होता है।
इस महिला समागम में बिलासपुर जोन के सभी क्षेत्रों कोरबा, जांजगीर-चाम्पा, पेण्ड्रा, बिल्हा-चकरभाठा, अम्बिकापुर, पत्थलगांव, मुंगेली, पाली से भी महिलाएं शामिल होकर सत्संग के साथ-साथ विभिन्न कार्याक्रमों द्वारा परम पिता परमात्मा के ज्ञान व सत्संग का आनंद प्राप्त कियें। तथा गुरू प्रसाद लंगर का आनंद भी उठायें । कार्यक्रम के अंत में बिलासपुर के जोनल महात्मा श्री सुन्दर श्याम में ने सभी आये हुए संगतों का शुक्रिया अदा करते हुए धन्यवाद ज्ञापित कियें ।
दास

