
बिलासपुर। कहते हैं “खुशी जैसी खुराक नहीं” खुशी हमारे तन-मन को निरोगी बनाती है। खुशी का आधार है सत्यता और पवित्रता। जितना हमारे अंदर मन-वचन और कर्म में सत्यता और पवित्रता होगी उतना हमारे जीवन में खुशी होगी। यदि हमारे अंदर सत्यता और पवित्रता है तो हमारी खुशी कभी कम कभी ज्यादा नहीं होगी। दिन प्रतिदिन हर समय खुशी और ही बढ़ती रहेगी।
उक्त वक्तव्य प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में चल रहे 21 दिवसीय योगा प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन बीके स्वाति दीदी ने कहा। दीदी ने बताया कि मन खुश रहता है तो उसका चेहरा सदा हर्षित रहेगा। हर्षित चेहरा प्रभु की भी पहली पसंद है। सबसे बड़ा खजाना खुशी का खजाना है। यदि मन खुश है तो उसका सीधा प्रभाव तन पर पड़ता है। मन को स्वस्थ रखने के लिए राजयोग और तन को स्वस्थ रखने के लिए योगा-प्राणायाम आवश्यक है।
योगा प्रशिक्षण देते हुए योगाचार्य रितु सिंह ने आज बताया की योग सीखते समय सबसे पहले अपने जॉइंट्स को ढीला करना है। इसके लिए जॉइंट एक्सरसाइज आवश्यक है जिसे सूक्ष्म व्यायाम कहा जाता है। अपने ज्वाइंट को खोलना बहुत आवश्यक है। हम सारा दिन बैठते हैं, खाते हैं और सोते हैं जिससे हमारा शरीर धीरे-धीरे शिथिल अवस्था में चला जाता है। हम इस शरीर को जितना चलाएंगे यह शरीर उतना ही एक्टिव और युवा बना रहता है। जब हम सुबह उठते है उस समय हमारा शरीर सबसे ज्यादा जकड़ा हुआ होता है, जाम सा हो जाता है। जब हम जोड़ो के प्वाइंटस को यूज़ नही करते तो उसमे वायु एकत्रित होने लगता है हाथो व पैरो से टक-टक की आवाज आने लगती है, वो हमे सुचना देता है की जो शरीर के ज्वान्ट्स है उसमे वायु एकत्रित हो गई है, उसमे दर्द अब आने वाला है। सुबह के समय प्रतिदिन सूक्ष्म आयामों को करने से जोड़ो का दर्द को पूरी तरह से समाप्त हो जायेंगे। चाहे घुटनों का दर्द हो, कमर दर्द, कंधो का दर्द हो। योगाचार्य रितु सिंह बहन ने पवनमुक्तासन वात एवं गठिया निरोधक समूह पांदागुली नमन, गुल्फ नमन, गुल्फ चक्र, जानू नमन, जानू चक्र, अर्ध तितली, पूर्ण तितली, मुष्टिका बंध, मणिबंध, मणिचक्र आसनो को कराते हुए उनसे होने वाले लाभों की जानकारी देते हुए कहा की समूह के नाम से ही जाहिर है. सभी प्रकार के वात रोगों को दूर करता है। समूह के आसन शरीर के जोड़ो को ढीला और मांसपेशियों को लचीला बनाते है। जो व्यक्ति वात रोग गठिया, उच्चरक्तचाप, ह्रदय रोग से ग्रस्त है। उनके लिए ये आसन अति उत्तम है। ये जोड़ो को लचीला बनाता है साथ ही प्राणिक और मानसिक शरीरिक विकारो को दूर करते है। जोड़ो की समस्त एकत्रित वायु इससे दूर हो जाती है, जिससे हमारा शरीर मजबूत और क्रियाशील व् सक्रिय अच्छी तरह हो जाता है।
बीके स्वाति दीदी ने कहा कि अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्य सेवाकेंद्र टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में 21 दिवसीय योगा प्रशिक्षण कार्यक्रम सुबह 7:30 से 8:30 बजे तक सभी नगरवासियों के लिए आयोजित किया गया है। जो पूर्णतः निःशुल्क है।

