
बिलासपुर। सावन का प्रथम सोमवार श्रद्धा भाव से मनाया जा रहा है सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही । शहर के सभी मंदिरों में सुबह से ही लोगों की लंबी लाइनें देखी गई अपनी बारी आने पर भक्तों ने शिव का जलाभिषेक रुद्राभिषेक कर विधिवत पूजन किया और मत्था टेक कर मनोकामना की अर्जी लगाई । इसी कड़ी में पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा स्थित त्रिदेव मंदिर में श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का श्री महारूद्राभिषेकात्मक महायज्ञ 4 जुलाई से लेकर 31अगस्त तक श्रावण कृष्ण प्रतिपदा प्रथम शुद्ध से प्रारंभ होकर श्रावण शुक्ल पूर्णिमा द्वितीय शुद्ध तक श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक नमक चमक प्रतिदिन प्रातः 9:00 बजे से मध्यान्ह 12:00 बजे तक मंदिर में किया जा रहा है। इसके अलावा पीताम्बरा पीठ में 18 जून से लेकर 27 नवंबर 2023 तक श्री पीतांबरा हवनात्मक महायज्ञ भी चल रहा है जिसमें 36 लाख आहुति दी जाएगी।प्रतिदिन रात्रि 8:30 से रात्रि 1:30बजे तक हवनात्मक महायज्ञ तत्पश्चात रात्रि1:30बजे ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का महाआरती किया जाता है।सावन के प्रथम सोमवार को श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक नमक चमक विधि से किया गया।इस अवसर पर श्री शंभू बिसेन सप्तनिक उपस्थित थे।
पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज ने बताया कि दस स्वर्ण पुष्प‘ दान का फल एक श्वेतार्क पुष्प को चढ़ाने से प्राप्त हो जाता है।
वही पुण्य एक हजार श्वेतार्क पुष्पों की अपेक्षा एक कनेर का पुष्प अर्पित करने से प्राप्त हो जाता है। एक हजार कनेर के पुष्प चढ़ाने की अपेक्षा एक बिल्वपत्र अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है। एक हजार बिल्वपत्रों की अपेक्षा एक द्रोण-पुष्प अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है।एक हजार द्रोण-पुष्प से बढ़कर एक अपामार्ग अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है।एक हजार अपामार्ग से बढ़कर एक कुश का फूल अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है।एक हजार कुश-पुष्पों से बढ़कर एक शमी की टहनी अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है।एक हजार शमी के पत्तों से बढ़कर एक नीलकमल अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है।एक हजार नीलकमलों से बढ़कर एक धतूरा अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है।एक हजार धतूरों की अपेक्षा एक शमी का पुष्प अर्पित करने से वही पुण्य प्राप्त होता है।

