बिलासपुर। सर्वेश्वरी समूह शाखा सेन्दरी कोनी बिलासुर के अघोरपीठ आश्रम प्रांगण में अघोरेश्वर भगवान राम का 32वाँ महानिर्वाण दिवस भक्तिमय वातावरण में मनाया गया कार्यक्रम के दो दिन पूर्व ही सभी आश्रमवासी, स्वयं सेवकों, सर्वेश्वरी सैनिकों द्बारा श्रमदान कर आश्रम परिसर की साफ-सफाई की गई थी। अघोरेश्वर महाप्रभु जी की अमृत वाणियों के बैनरों, ध्वजों फूलों की वन्दनवारों से मंदिर को सजाया गया था।
सुबह आश्रम परिसर से खाली कलश ले जाकर अरपा से जल भरा गया। शाखा मंत्री उमेश नारायण मिश्र ने मां, गुरु औघड़ बाबा गुरुपद संभव राम, अघोराचार्य महाराज कीनाराम के चित्र पर पुष्प अर्पित किये एवं आरती की गई। इसके बाद सफल योनि का पाठ किया गया, जिसके बाद चने के हलवे का सूक्ष्म प्रसाद वितरित किया गया। फिर एक सूक्ष्म पारिवारिक चर्चा हुई।
कायãक्रम के मुख्य अतिथि आरके यादव शाखा उपाध्यक्ष एवं अध्यक्षता एसके सोनी थ्ो। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राकेश दीक्षित ने अपने अनुभवों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया । धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास ने मॉ गुरूजी के जीवन दर्शन के बारे में जानकारी दी और बाबाजी की अमृत वाणियों को आत्मसात करने को कहा। संजय सराफ ने अपने संस्मरण को विस्तार पूर्वक बताया । उमेश नारायण मिश्रा ने कहा कि जिस दिन हमें प्रतिष्ठा, मान सम्मान और बड़ाई पाने की विशेष आवश्यकता महसूस होने लगेगी उस दिन समझ जाना कि मैं गिलास में विष पी रहा हूँ। धीरे धीरे गलूँगा। मैं कुछ करने योग्य नहीं रह जाऊँगा । मगर जिस दिन मुझे प्रताड़ना होने लगेगी, प्रताड़ित होने लगूँगा लोग मुझे अपशब्द कहने लगेंगे, लोग मुझे घृणा की दृष्टि से देखने लगेंगे उस दिन हमारी जो खुशियों होगी वह प्याले में अमृत होगा। अंत में भगवानदास सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।संंकीर्तन के साथ गोष्ठी का समापन किया गया ।


