
बिलासपुर।तंबाकू के हानिकारक प्रभावों पर जागरूकता हेतु, यह अति आवश्यक है कि हम युवा वर्ग व आने वाली नई पीढ़ी को सचेत करें, साथ ही वर्तमान में इसका सेवन करने वालों को भी आगाह करें। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की वानिकी विभाग की शोधछात्रा आकृति ताम्रकार पिछले कई वर्षों से नशा मुक्ति अभियान चला रही हैं , साथ ही समाज कल्याण विभाग बिलासपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में बतौर मास्टर ट्रेनर के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर रही हैं। नशा मुक्त भारत अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में दीवार लेखन, रैली आदि के माध्यम से जागरूकता के कार्य किए जा रहे हैं।
इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस का विषय काफी खास है *वी नीड फूड, नॉट टोबैको* अर्थात् हमें भोजन की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं। इसका उद्देश्य इसका उद्देश्य तंबाकू किसानों को वैकल्पिक फसल उत्पादन और मार्केटिंग के अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने व उन्हें टिकाऊ , पौष्टिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। तंबाकू, न केवल उन्हें उगाने वाले किसानों सहित व्यक्तियों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है, बल्कि इससे वनों की कटाई भी होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार , दुनियाभर में लगभग 3.5 मिलियन हैक्टेयर भूमि हर साल तंबाकू उगाने के लिए परिवर्तित की जाती है, जिससे प्रति वर्ष 2,00,000 हैक्टेयर वनों की कटाई होती है, अतः समय रहते तंबाकू के उपयोग से बचना होगा।

