
रायगढ़। 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक मनाये जाने वाले वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह को इस बार रायगढ़ जिला मुख्यालय के वन विभाग द्बारा भूला दिया गया। इस बार रायगढ़ रेंज में न तो पूर्व की तरह रैली निकाली गई और न ही स्कूली बच्चों के लिये के लिये कोई प्रतियोगिताएं हुई। अपने दायित्वों से बेखबर रायगढ़ वनमंडल ने इसे जरुरी नहीं समझा । जबकि एसडीओ मनमोहन मिश्रा के मुताबिक उनके उन्होंने सब डिवीजन के दोनों रेंजो में वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह मनाने निर्देशित किया गया था। अब विभाग के अधिकारी कई तरह की सफाई देकर खुद को बचाने में लगे हैं।
गौरतलब हो कि वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह मनाने के लिए सप्ताह भर पूर्व सभी रेंज में तैयारियां की जाती थी। ताकि लोग वन व वन्यप्राणियों के प्रति जागरूक हो सकें। वन को संरक्षित व वन्यप्राणियों को सुरक्षित रखने के लिए सप्ताहभर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों के मन में वन और वन्य प्राणियों के प्रति लगाव व दायित्व को जगाया जाता था। लेकिन यह पहला मौका देखा गया जहां कि इस बार वन विभाग द्बारा जिला मुख्यालय में वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह ही नही मनाया गया। हालाकि कुछ एक जगहों पर जरुर कई आयोजन किए गए। पहले वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के अंतर्गत 2 अक्टूबर को रायगढ़ वन मंडल के अधिकारी व कर्मचारी रैली निकालकर शहर मुख्य मार्गो से भ्रमण करते हुए वन मंडल कार्यालय पहुंचकर रैली का समापन करते थे, इसके बाद सप्ताह भर कई तरह के आयोजन होते थे। आयोजन में स्कूली बच्चों के लिये भाषण, निबंध, चित्रकला जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती थी। इसके बाद और 8 अक्टूबर को विजेता बच्चों को पुरूस्कृत कर कार्यक्रम का समापन किया जाता था। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नही हुआ। अब इसे वन विभाग के अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली कहें या वन मंडल और रेंज के अधिकारियों की मनमानी और लापरवाही या फिर उनकी उदासीनता।
इस दौरान घरघोड़ा रेंज में कुछ आयोजन जरूर हुए। जहां स्कूली बच्चों के लिये प्रतियोगिता भी आयोजित कराने की जानकारी मिली हैं और आने वाले समय में उन्हें प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।
हमेशा विवादों में रहने वाला रायगढ़ रेंज में गडबड़ियां तो पहले से ही लगातार देखी जा रही हैं लेकिन इस बार तोह हद कर दी रायगढ रेंज ने ,,, जरुरी दिन को ही भूला दिया गया।पिछले कुछ सालो से देखा जा रहा हैं कि रायगढ़ वन मंडल के रायगढ़ रेंज में कई तरह की गडबड़ियां सामने आ रही हैं। वहीं इस बीच यह नया मामला सामने आया कि वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह को भी विभाग ने भुला दिया। जबकि वन अपराध को रोकने के लिये यह सबसे ज्यादा जरूरत हैं कि लोगों में वन व वन्यप्राणियों के प्रति जागरूकता लाया जाये।
सूत्रों की माने तोह ऐसा बताया जा रहा हैं कि जब से परिक्षेत्र अधिकारी मैडम आई हैं तब से लगातार वन मंडल विवादों में हैं।कहीं RF की जमीन में कब्जा करने की हो,कर्मचारियों से विवाद या फिर फर्जी बिल बाउचर बनाकर फर्जी भुगतान कर धन जेब में डालना।अधिकारी भी नतमस्तक हैं इनके आगे क्या करें ऊँचे पहुँच का मामला जो ठहरा।अधिकारी से लेकर विधायक, मंत्री सब डरे हुए हैं इनकी पहुँच देखकर।भगवान ही मालिक हैं इस वन मंडल का अब तोह कोई चमत्कार ही बचा सकता हैं इस वन मंडल औऱ इस रेंज को???
अब देखना यह हैं कि क्या कार्यवाही होती हैं???या धन लेकर पाक-साफ का सर्टीफिकेट दे दिया जाता हैं।
मेरे सब डिवीजन के दोनों रेंजो में वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह मनाने निर्देशित किया गया था। ऐसे गांव क्षेत्र में भी जागरूकता कार्यक्रम करने कहा गया था जहां वन व वन्यप्राणी मौजूद हैं।
मनमोहन मिश्रा
एसडीओ रायगढ़ सब डिवीजन

