

रायपुर/जब से कांग्रेस की सरकार गई हैं मानो कांग्रेसी कट्टर नेताओ पर शामत आ पड़ी हैं।क़द्दावर मंत्री मोहम्मद अकबर की हालत तो हद से भी ज्यादा बत्तर जैसे हो गई हैं।मतगर्णना स्थल में तो अकबर की लगभग-लगभग मॉब लिंचिंग हो गई थी।जैसे ही बीजेपी की लीड बढ़ी, मतगणना स्थल में अकबर के सताए कवर्धा की जनता जमा होना चालू हो गए।तब अकबर अंदर ही स्थल में मौजूद थे।धीरे धीरे जनता पूरे स्थल को घेर ली।अकबर को तत्काल मेसेज दिया गया की उनके साथ अब कुछ भी हो सकता है।अकबर की पैंट गिली हो गई। पसीने से तरबतर हो गये।तत्काल दूसरा पैजामा उपलब्ध कराया गया।पूरा क़ाफ़िला और सिक्योरिटी उनको निकालने लगी।तब बाहर जमा लोग एक साथ उन पर गालियों की बौछार फेंक रहे थे।भीड़ का जो वीडियो आया हैं, उसमें कहते सुना जा रहा – “ भाग अकबर भाग “, “ मार मा***द को “ । बाद में क़ाफ़िले के कुछ गाड़ियो की शीशे भी टूटी पायी गई।अकबर आधे घंटे वहाँ और रुकते तो शायद दुनिया में उनका सिर्फ़ नाम ही रह जाता।

देखें वीडियों…..
पाँचों राज्यो के चुनाव में ये एकमात्र मतगणना स्थल था, जहां से इस तरह का वीडियो सामने आया।अपने 30 साल के राजनीति में अकबर ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके साथ ऐसा भी हो सकता हैं।अकबर अपने तेज तर्रार, आक्रामकता, गुंडई, कट्टरता के लिए जाने जाते हैं।जब मंत्री बने तो राजा अकबर के तरह बर्ताव चालू किया।कवर्धा में भगवा झंडा को नीचे फेकवाने, रोहिंग्या मुसलमानों को आदिवासी क्षेत्र में वनअधिकार पट्टा दिलवा के बसाने, वहाँ एक समुदाय को डराने और स्थानीय डेमोग्राफि बदलने के फ़िराक़ में थे।वहाँ के सभी व्यवसायी, अधिकारी और नेताओ को डरा धमका के अरबों रुपए वसूले।ये सब से पूरी कवर्धा की जनता ख़ौफ़ में थी।आख़िर एक बाहरी आदमी छत्तीसगढ़ जैसे सीधे साधे राज्य की अकेले दुर्गति कैसे करने लगा था।इस सब कृत्य में उसका साथ बाहरी अधिकारी ही दिये जिनको छत्तीसगढ़ से कोई लेना देना नहीं हैं।अंत में जनता उनको 40 हज़ार के रिकॉर्ड मतो से हरवा दी।ये अकबर के गाल में 40 तमाचा के बराबर था।अकबर चुनाव जीतने के लिए पूरे विधानसभा में वन विभाग से वसूल के 40 करोड़ बाँटा।सूत्रों से पता चला हैं की लोगो का ग़ुस्सा और सरकार का बुलडोज़र एक्शन देख के इसने अपने बेटे को विदेश भगा दिया हैं । ख़ुद भी दुबई भागने के फ़िराक़ में हैं।अकबर अपने चुनाव एफिडेविट में मात्र 7 करोड़ का मालिक लिखता हैं जबकि इतने पैसे तो हर हफ़्ते वो अकेले वन विभाग से वसूलता था।बाकि आवास और परिवहन से दर्जन भर करोड़।छत्तीसगढ़ में जो हर सड़क में गाड़ियाँ रोकी जाती थी उसके पैसे अकबर के पास ही जाती थी।चूँकि अब एसीबी का डंडा चलने वाला हैं। अकबर अब आय से अधिक संपत्ति मामले में कभी भी जेल जा सकता हैं।ऐसे में अकबर को सिर्फ़ जेल में डालने से कुछ नहीं होगा ।

सुनने में आ रहा हैं उधर भूपेश बघेल को नींद आना बंद हो गया हैं।जिस तरह से अहंकार और आतंक से इसने काम किया इसने बहुत लोगो से पर्सनल दुश्मनी मोल ली हैं।इनकी भ्रष्टाचार में काम करने वाली मैडम तो पहले से जेल में है।अब एक पूर्व एसीबी चीफ जिसको ये सबसे पहले प्रताड़ित किए थे वो रायपुर में काम चालू कर दिये हैं।अभी तो कोयला,शराब,चावल, पीएससी और गोबर घोटाले की एसीबी से जाँच बाकि हैं।लगता हैं भूपेश बघेल की अब पूरी ज़िंदगी जेल में अपने ऑफिस के साथ ही बीतेगी।साथ में ये अपने साथ बिट्टू,दामाद और कई बड़े अधिकारियों को भी ले डूबेगा।

