
बिलासपुर।छत्तीसगढ़ मछुआरा संघर्ष मोर्चा द्वारा मछुआरा समुदाय को अनुसूचित जनजाति में पुनः शामिल करने और वर्तमान मत्स्य पालन नीति को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया जिसके बाद मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया
मोर्चा के प्रदेश संयोजक सुखाऊ राम ने बताया कि वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा हम मछुआरों को फिर से ठगे जाने के कारण संघर्ष का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ।उन्होंने कहा राज्य और केंद्र की सरकार एवं बड़े राजनीतिक पार्टी आज भी हमें सिर्फ वोट बैंक मानकर हेय की दृष्टि से देखा समझा जाता है। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में जब 15 साल तक भाजपा की सरकार थी तब भी हमें आरक्षण नहीं दिया और कांग्रेस सरकार को भी 5 वर्ष पूरा होने जा रहा है आरक्षण पर ध्यान नहीं दे रही है उन्होंने मछुआरा समुदाय को अनुसूचित जनजाति में पुनः शामिल करने एवं वर्तमान मत्स्य पालन नीति को रद्द करने की मांग को प्रबलता से उठाई और कहा सामाजिक शैक्षिक एवं आर्थिक क्षेत्र से पिछड़ी हुई मछुआरा समुदाय को आरक्षण की जरूरत है। कार्यक्रम को जिला अध्यक्ष सूरज निषाद ने भी संबोधित किया और बताया मछुआरा समुदाय को अनुसूचित जनजाति में पुनः शामिल करने के लिए इससे पूर्व 3 जुलाई को दुर्ग में धरना किया गया था इसके बाद शुक्रवार को बिलासपुर में किया गया तथा 12 जुलाई को जगदलपुर में किया जाएगा। धरना के बाद उक्त मांगों को लेकर उन्होंने कलेक्टर कार्यालय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा इस अवसर पर बड़ी संख्या में निषाद धीवर मछुआ केवट समाज के लोग थे।

