
बाल कला साधकों ने दिए कथक नृत्य, वादन एवं शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति
बिलासपुर।कला एवं साहित्य के लिए समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती एवं रेलवे महाराष्ट्र मंडल बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में प्रत्येक माह होने वाले बाल संगीत सभा की सातवी कड़ी का आयोजन श्री सुनील चिपडे जी संस्थापक अग्रज नाट्य दल बिलासपुर के मुख्य आतिथ्य, श्री भास्कर वर्तक जी समाज सेवक बिलासपुर की अध्यक्षता एवं श्री अमित श्रीवास जी चेयरमैन क्राउन इंजीनियरिंग बिलासपुर के विशिष्ट आतिथ्य में रेलवे महाराष्ट्र मंडल टिकरापारा बिलासपुर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुवात नटराज की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं पूजन कर किया गया। अतिथि स्वागत पश्चात बाल संगीत सभा कि शुरुवात हुई जिसमे सर्वप्रथम साधना साहू ने तबला वादन में तीन ताल कि प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया, अगले क्रम में पांच वर्षीय बाल कला साधक मास्टर पीयूष कश्यप ने शास्त्रीय संगीत में राग दुर्गा, विलंबित झपताल, मध्य लय तीन ताल, राग भैरवी, भवानी सयानी एवं भजन की मनमोहक प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी, दुर्गेश कहार एवं विजय कहार की युगल जोड़ी ने शास्त्रीय संगीत में राग केदार मध्य लय तीन ताल, तराना, कजरी एवं भजन कि प्रस्तुति देकर सबका ध्यान आकृष्ट किया, अंतिम प्रस्तुति के रूप में कु. श्रृष्टि गर्ग ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी जिसकी शुरुवात शिव भजन से हुई, तत्पश्चात तोड़े, टुकड़े, परन एवं तराना के पश्चात ठुमरी से नृत्य का समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अभ्यागत श्री सुनील चिपड़े जी ने आयोजन की तारीफ करते हुए कहा की लोक और शास्त्रीय कलाएं इस दौर में हमे एक रख सकती है। संस्कार भारती ये अनुकरणीय काम कर रही है। बच्चों में रोपी जा रही कलाएं हमे विवेकशील नागरिक देंगी। शास्त्रीय बंदिशें सामाजिक राजनैतिक संकुचित धाराओं से हमे न सिर्फ बचाये रखती है बल्कि मानवीय रूप से समृद्ध करती है। विशिष्ट अभ्यागत श्री अमित श्रीवास ने सभी बाल कला साधकों शुभकामनाएं देते हुए कहा की बच्चो की प्रतिभाओं को निखारने के लिए उन्हे मंच प्रदान करना बेहद आवश्यक है, इन बच्चो के माध्यम से हमारी परमपरागत संगीत जनमानस तक पहुंच रही है, जो प्रशंसनीय है। अध्यक्षता कर रहे श्री भास्कर वर्तक ने भी संबोधित करते हुए इस तरह के आयोजन करते रहने की बात कही। इस अवसर पर सभी कला साधकों को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन संयोजिका डा. विजया राजपुत ने एवं आभार इकाई महामंत्री श्री बालमुकुंद श्रीवास ने किया। इस अवसर पर श्री शिरीष पागे, गजानन वासुदेव फड़के, माया चंद्राकर, भुवनेश्वर चंद्राकर, राजेश सोनार, सन्निधि विश्वनाथ राव, चंद्रशेखर देवांगन, दिनेश तिवारी, नीरज जोशी, सोनू, प्रकाश बावरे, दुष्यंत साहू, ताराचंद, विकास, सुखसागर कौशिक, मिथलेश, श्रीनिवास गर्ग, मिनालिका गर्ग, एवं बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित थे।

