बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंध अध्ययन विद्यापीठ के अंतर्गत प्रबंध अध्ययन विभाग एवं वाणिज्य विभाग में ‘फाइनेंशियल इनक्लूजन इन छत्तीसगढ़ विथ स्पेशल रिफ्रेंस टू प्रधानमंत्री जन धन योजना’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला प्रबंध अध्ययन विभाग में किया गया।
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्बारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में कुलपति प्रोç आलोक चक्रवाल ने कहा कि देश को 2०47 तक विकसित बनाना है तो श्रम, शक्ति और संसाधन के अपव्यय को रोकना होगा। उन्होंने कार्यशाला के विषय को समीचीन बताते हुए कहा कि जन-धन योजना से जुड़ी पक्तियां ‘मेरा खाता भाग्य विधाता’ पूरी कहानी बयां करती है। इस योजना के माध्यम से सरकार की प्रत्येक योजना का आर्थिक लाभ हितग्राही तक सीधे पहुंचाने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया भारत में उपलब्ध युवा मानव संसाधन की ओर आशान्वित दृष्टि से देख रही है। उन्होंने समन्वित प्रयासों से भारत को 2०47 तक विकसित राष्ट्र बनाने की बात कही।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रविशंकर शुक्ल विवि के प्रो. आरके ब्रम्हे ने कहा कि इस परियोजना के निष्कर्षों को प्रतिवेदन के रूप में प्रस्तुत करने से योजना को और बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव एवं वाणिज्य एवं प्रबंध अध्ययन विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. अशोक कुमार मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
अंत में अतिथियों को शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. बीपी सिगरौल तथा संचालन डॉ. पीएस द्बिवेदी ने किया। इस अवसर पर प्रो. भुवना वेंटररामन, प्रो. बीडी. मिश्रा झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय रांची, आईजीएनटीयू अमरकंटक, सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालयों से पहंुचे अतिथियों के साथ ही अन्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
