दूसरों की बच्चों से तुलना ना करें,, सेवानिवृत्त व्याख्याता रेखा गुल्ला

बिलासपुर।माता-पिता अपनी इच्छा और महत्वाकांक्षाएं बच्चों पर ना लादे। उनकी स्वाभाविक
योग्यताओं के अनूरूप उन्हें आगे बढ़ने दें। उनसे मित्रवत व्यवहार रखें। उनकी परेशानी को समझें ।जो। बच्चे खेल कूद में अच्छा हो उसी क्षेत्र में उन्हें आगे आने में मदद करें । एक बच्चे से दूसरे बच्चे की तुलना ना करें