
रायपुर / वन मंत्री केदार कश्यप ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में कहा कि प्रदेश में लगभग 44.24 प्रतिशत वन क्षेत्र हैं। यहां मुख्यतः आर्द्र एवं शुष्क साल और सागौन प्रजाति के वनों के साथ ही शुष्क मिश्रित वन एवं बांस के वन पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही आदिवासी भाईयों की चिंता करते हुए उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयत्नशील है। इसके लिए 2832 करोड़ रूपए से भी अधिक की राशि का बजट प्रावधान अगले वित्तीय वर्ष में किया गया है। प्रदेश में हरियाली के प्रसार हेतु वन क्षेत्रों में ‘हरियर छत्तीसगढ़’ योजना के तहत 2431 हेक्टेयर क्षेत्र में 20 लाख से अधिक पौधे लगाने की योजना पर कार्य कर रही है। प्राकृतिक पुनरोत्पादन के संरक्षण के लिए 240 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। इसी तरह बांस वनों के संवर्धन के लिए 68 करोड़ 89 लाख रूपए और बिगड़े वनों के सुधार के लिए 272 करोड़ 4 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। नदी तट वृक्षारोपण योजना के तहत नदी तटों पर भू-क्षरण रोकने के उद्देश्य से अधिक से अधिक पौधों के रोपण हेतु वर्ष 2024-25 में 7 करोड़ 47 लाख रूपए का प्रावधान है। भू-संरक्षण एवं बाढ़ नियंत्रण संबंधी कार्य हेतु 119 करोड़ 27 लाख रूपए, पर्यावरण वानिकी के लिए 40 करोड़ रूपए, पथ वृक्षारोपण के लिए 7 करोड़ रूपए, वन मार्गों पर रपटा एवं पुलिया निर्माण के लिए 8 करोड़ 60 लाख रूपए का प्रावधान इस बजट में किया गया है।

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार वनों में मवेशियों के चारागाह हेतु चराई इकाईयों और घास मैदानों की स्थापना के लिए भी विशेष कार्य कर रही है। मवेशियों के लिए स्थायी चारागाह की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी इस बजट में प्रावधान किया गया है। सरकार इसके साथ ही वन विज्ञान केन्द्रों की स्थापना तथा नैसर्गिक वन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष तौर पर प्रयासरत हैं। राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों, टाइगर रिजर्व सहित अन्य क्षेत्रों में स्थापित पर्यावरण चेतना केन्द्रों, नेचर सफारी और पर्यटन स्थलों के आसपास स्थानीय निवासियों को रोजगार देने तथा संबंधित वन समितियों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय युवकों को राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त संस्थाओं जैसे जंगल लाजेस एण्ड रिसार्ट कर्नाटक, बाम्बे नेचुरल, हिस्ट्री सोसायटी से नेचर-गाइड के रूप में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
मंत्री केदार कश्यप ने सदन में कहा कि राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इको-टूरिज्म का चलन बढ़ा है। राज्य के नैसर्गिक पर्यटन केन्द्रों को इको-टूरिज्म के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से इको-टूरिज्म बोर्ड की स्थापना किया जाएगा। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कैम्पा कार्यों के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हाथी-मानव द्वंद के प्रति भी काफी चिंतित है। हाथी-मानव द्वंद को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तहत मानव-हाथी द्वंद को रोकने के लिए ‘मिशन बी’ योजना का विस्तार 7 जिलों में किया जाएगा। वन प्रबंधन समितियों को आबंटित वनक्षेत्र में कार्य आयोजना के प्रावधान के अनुरूप काष्ठ कूप के मुख्य पातन/वन वर्धनिक विरलन से प्राप्त होने वाले वनोत्पाद की स्थल पर कुल कीमत की 15 प्रतिशत राशि को बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा बांस कूप के मुख्य पातन/वन वर्धनिक विरलन के फलस्वरूप 100 प्रतिशत राशि या वनोत्पाद समिति को दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

