“यो-एक्सचेंज” क्रिप्टो घोटाला : सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों की ठगी, आरोपी फरार..

विदेश यात्रा और रोज़ाना मुनाफ़े का झांसा देकर की गई सुनियोजित ठगी..एफआईआर दर्ज..

बिलासपुर, 1 अक्टूबर 2025। क्रिप्टो निवेश के नाम पर “यो-एक्सचेंज” नामक एक कथित डिजिटल प्लेटफॉर्म ने सैकड़ों लोगों को विदेश यात्रा और प्रतिदिन 1% मुनाफे का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये की ठगी की। अब कंपनी के सभी प्रमोटर फरार हैं और वेबसाइट बंद हो चुकी है।

बुधवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पीड़ित निवेशक मनीराम पटेल ने मीडिया के सामने इस धोखाधड़ी का विस्तृत खुलासा किया। उन्होंने बताया कि शुरुआत सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी, जब कोलकाता निवासी “तापन” के माध्यम से रांची के शुभ सिंह से संपर्क हुआ। शुभ ने “यो-एक्सचेंज” नामक एक विश्वसनीय और डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टो प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना की जानकारी दी।

पटेल, रवि साहू और अक्षय टेकाम रांची जाकर शुभ सिंह और आकाश बर्मन से मिले, जहाँ बताया गया कि यह एक्सचेंज विगत ढाई वर्षों से कार्यरत है और इसका ऑडिट अंतरराष्ट्रीय ब्लॉकचेन ऑडिटर “हैकन” द्वारा किया गया है, जो Binance जैसी कंपनियों के लिए भी ऑडिट कर चुकी है।

हर दिन 1% रिटर्न और मलेशिया ट्रिप का झांसा..

निवेशकों को कहा गया कि वे USDT (डिजिटल करेंसी) में निवेश करें और बदले में रोजाना 1% का रिटर्न मिलेगा। साथ ही 1500 डॉलर के निवेश पर मलेशिया यात्रा का वादा किया गया। इस तरह कोरबा, रायपुर, बिलासपुर, भिलाई और चंडीगढ़ से सैकड़ों लोग जुड़ते चले गए।

1 अगस्त 2025 को मलेशिया में एक भव्य अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 1100 से अधिक भारतीय निवेशकों ने भाग लिया। वहां दुबई और थाईलैंड यात्रा के नए ऑफर भी घोषित किए गए, जिससे योजना पर विश्वास और गहराया।

कुछ हफ्तों में ही सिस्टम हुआ “हैक”, वेबसाइट बंद, आरोपी फरार..

मनीराम पटेल ने बताया कि कुछ ही हफ्तों बाद कंपनी ने सॉफ्टवेयर हैक और तकनीकी खराबी का बहाना बनाकर रिटर्न देना बंद कर दिया। वेबसाइट और मोबाइल ऐप अचानक बंद हो गए और सभी प्रमोटरों ने मोबाइल नंबर स्विच ऑफ कर लिए।

अब तक की जांच में यह संकेत मिले हैं कि रांची निवासी जफर इमाम, गंगाधर कुमार, दिलेश्वर मुंडा, शादाब अंसारी, आकाश कुमार और शुभ सिंह इस ठगी के मुख्य साजिशकर्ता हो सकते हैं।

एफआईआर दर्ज : आरोपी रडार पर..

पटेल ने बताया कि एसएसपी राजनेश सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तारबाहर थाने को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। थाना प्रभारी ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर ली है, जिसमें धारा 318(4), 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

पटेल और अन्य पीड़ितों ने प्रशासन से त्वरित गिरफ्तारी, संपत्ति जब्ती और निवेशकों को न्याय दिलाने की मांग की है।

सावधान रहें!

यह मामला एक बड़ा साइबर और आर्थिक अपराध बन चुका है, जो न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देशभर के निवेशकों के लिए एक चेतावनी है। सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने वाले निवेश प्रस्तावों से पहले पूरी जांच और सतर्कता आवश्यक है।