Workers became adamant to remove Kota MLA Atal, burnt the effigy of MLA, protested in the middle of the square..
बिलासपुर। कांग्रेस पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष ने एक बार फिर सिर उठाया है। पार्टी के उदंड नेताओं ने कांग्रेस के पंजा निशान को क्षमादान का प्रतीक समझ लिया है। यही वजह है कि पीसीसी द्वारा गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के बिलासपुर पहुंचने के बावजूद कोटा विधायक के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की गई। कांग्रेस नेता रमेश सूर्य ने कोटा में विधायक के पुतले को न सिर्फ जूते से पिटवाया, बल्कि उसे जलाकर जमकर नारेबाजी भी कराई।
सोमवार दोपहर रतनपुर के महामाया चौक पर हुए इस प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधायक पर मनमानी और दादागिरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधायक ने निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर अयोग्य प्रत्याशियों को टिकट दिया, जिससे पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा।
रमेश सूर्य ने नारे लगाते हुए कहा, “दादागिरी नहीं चलेगी, कोटा बचाओ, विधायक हटाओ।” उन्होंने विधायक पर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव के खिलाफ अपने करीबी सुदीप श्रीवास्तव को निर्दलीय चुनाव लड़वाकर पार्टी को हराने का भी आरोप लगाया।
यह घटना ऐसे समय हुई है जब पीसीसी द्वारा गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बिलासपुर में मचे झगड़े की जांच करने पहुंची है। कमेटी के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि पार्टी के भीतर ही नेताओं के बीच इतना बड़ा असंतोष क्यों है?
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर पार्टी ने इस असंतोष को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

