By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Notification Show More
Font ResizerAa
  • बिलासपुर
  • छत्तीसगढ़
  • राजनीति
  • अंतरराष्ट्रीय
  • शिक्षा
  • वन विभाग
  • स्वास्थ्य
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • धर्म-कला-संस्कृति
  • व्यापार-उद्योग
  • खेल
  • हाईकोर्ट
  • अन्य
Reading: वक्फ संशोधन कानून: दान का सम्मान..डॉ.शाहिद अली
Share
Font ResizerAa
  • बिलासपुर
  • छत्तीसगढ़
  • राजनीति
  • अंतरराष्ट्रीय
  • शिक्षा
  • वन विभाग
  • स्वास्थ्य
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • धर्म-कला-संस्कृति
  • व्यापार-उद्योग
  • खेल
  • हाईकोर्ट
  • अन्य
Search
  • बिलासपुर
  • छत्तीसगढ़
  • राजनीति
  • अंतरराष्ट्रीय
  • शिक्षा
  • वन विभाग
  • स्वास्थ्य
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • धर्म-कला-संस्कृति
  • व्यापार-उद्योग
  • खेल
  • हाईकोर्ट
  • अन्य
Have an existing account? Sign In
Follow US
> Blog > राष्ट्रीय > वक्फ संशोधन कानून: दान का सम्मान..डॉ.शाहिद अली
राष्ट्रीय

वक्फ संशोधन कानून: दान का सम्मान..डॉ.शाहिद अली

Jp agrawal
Last updated: 2025/04/11 at 5:32 PM
Jp agrawal Published 11/04/2025
Share
SHARE

Wakf Amendment Act: Respect for donations..Dr. Shahid Ali

भारत में केंद्र सरकार का वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 लागू हो गया है। राज्यों में इस कानून को प्रभावी करने के लिए राज्य सरकारें अपने स्तर पर कार्य कर रही हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में लगभग दस से अधिक याचिकाएं कुछ मुस्लिम संगठनों ने दाखिल कर दी हैं। संसद के दोनों सदनों से इस कानून को लेकर जो बहसें शुरू हुई उसका कुछ प्रभाव विरोध प्रदर्शनों की शक्ल में सड़कों पर नज़र आ रहा है लेकिन आम मुसलमानों में वक्फ संशोधन कानून की ख़िलाफत देखने में नहीं है। मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा इस संशोधन को एक ऐतिहासिक क़दम के रूप में देख रहा है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कतिपय मुस्लिम संगठनों ने इस वक्फ संशोधन कानून को धार्मिक स्वतंत्रता के विरुद्ध बताया है।

वक्फ संशोधन कानून को वक्फ संपत्तियों पर खतरा बताते हुए इस कानून से असहमति रखने वाले राजनैतिक दलों के हंगामे से मुसलमानों में भय का माहौल बनाया गया। कथित तौर पर मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों और समुदाय विशेष की संस्थाओं पर कब्जा करने की अफवाहों को जन्म दिया गया। जबकि स्थिति इससे बिल्कुल अलग है। नया वक्फ संशोधन गरीब, बेसहारा, कमजोर बच्चों, महिलाओं, विधवाओं, सामाजिक – शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े मुसलमानों के हक़ को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम है। किसी भी समाज में दान का जो सम्मान है वही स्थान मुस्लिम समाज में वक्फ संपत्तियों की पवित्रता और इसके सम्मान का है। बदलते दौर में जब व्यवस्थाओं में सुधार की बात होती है तो सहज ही हमारा ध्यान पुराने कानूनों में संशोधन की ओर भी जाता है। वक्फ कानून इनमें से एक है। समय के साथ कानूनों में बदलाव की भी जरूरत होती है। ये समझना जरूरी है कि किसी भी प्रकार के कानून में होने वाले संशोधन भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों और उसकी मूल आत्मा का अतिक्रमण नहीं कर सकते हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में संविधान की इसी विशेषता ने भारत को संप्रभुता की शक्ति प्रदान की है। इसलिए यह डर फैलाना कि वक्फ के बहाने मुसलमानों का हक़ और उनकु आजादी छिनने का प्रयास हो रहा है, पूरी तरह से ग़लत है। नया वक्फ संशोधन कानून वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और समुचित उपयोगों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाता है। किसी भी संस्था या संगठन में प्रबंधन की पारदर्शिता को नकारा नहीं जा सकता है।

यह निर्विवाद सही है कि भारत में आम मुसलमानों की अधिसंख्य आबादी आज भी गरीबी, अशिक्षा और शोषण से मुक्त नहीं है। इसलिए मुस्लिम समाज आसानी से धार्मिक उन्माद का शिकार हो जाता है,जिसका फायदा राजनीति की रोटियां सेंकने में उठाया जाता है। जबकि ये पता है कि भारत में वक्फ कानून ईस्ट इंडिया कंपनी के समय में पहली बार लागू किया गया था। लगभग सौ साल से भी पुराने इस क़ानून में बीच-बीच में संशोधन हुए। लेकिन इन संशोधनों में वक्फ संपत्तियों के विवाद होने पर ट्रिब्यूनल के बाद अपील की व्यवस्था नहीं थी जो अब नए कानून में है।

वास्तव में वक्फ कानून का विकास वक्फ संपत्तियों को विनियमित और संरक्षित करने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। 1954 के वक्फ अधिनियम से शुरू होकर, वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करने वाले कानूनी ढांचे में उभरती चुनौतियों का समाधान करने और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए वर्षों में कई संशोधन पहले भी हो चुके हैं। हाल वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का मूल उद्देश्य पारदर्शिता के साथ प्रबंधकीय संरचनाओं में सुधार करना और वक्फ संपत्तियों को दुरुपयोग से बचाना है। कानूनी सुधारों ने वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को सही आकार देते हुए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने का प्रयास किया गया है।

भारत में वक्फ संपत्तियों का प्रशासन वर्तमान में वक्फ अधिनियम, 1995 के अंतर्गत केंद्रीय वक्फ परिषद (सीडब्ल्यूसी), राज्य वक्फ बोर्ड (एसडब्ल्यूबी), वक्फ ट्रिब्यूनल से संचालन होता रहा है। वर्षों से, वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करने वाला भारत का कानूनी और प्रशासनिक ढांचा पारदर्शिता, दक्षता और वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विधायी अधिनियमों के माध्यम से विकसित हुआ है। वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और समुचित व्यवस्था के लिए बहुत प्रयास होते रहे हैं।

मुसलमान वक्फ वैधीकरण अधिनियम 1913..

इस अधिनियम वक्फ के प्रशासन में सुधार करने में असफल रहा। मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में उचित लेखांकन और पारदर्शिता सुनिश्चित करके उनके प्रबंधन में सुधार के लिए लाया गया। मुसलमान वक्फ विधिमान्य अधिनियम, 1930 ने 1913 के पुराने कानून को पूर्वव्यापी प्रभाव प्रदान किया, जिससे पारिवारिक वक्फ की कानूनी वैधता को बल मिला। वक्फ अधिनियम, 1954 वक्फ संपत्तियों के व्यवस्थित प्रशासन, पर्यवेक्षण और संरक्षण के लिए पहली बार राज्य वक्फ बोर्डों (एसडब्ल्यूबी) की स्थापना हुई। आजादी के बाद ही वक्फ कानूनों में बदलाव हुए हैं। 1954 के वक्फ कानून ने वक्फ के केंद्रीकरण की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया।

सेंट्रल वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया, एक वैधानिक निकाय 1964 में भारत सरकार द्वारा 1954 के इस वक्फ अधिनियम के तहत ही बनी थी। यह केंद्रीय निकाय विभिन्न राज्य वक्फ बोर्डों के तहत काम की देखरेख करता है जो कि वक्फ अधिनियम, 1954 की धारा 9 (1) के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया था। वक्फ अधिनियम, 1954 (1959, 1964, 1969 और 1984) में हुए संशोधनों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में और सुधार करना था।

वक्फ अधिनियम, 1995 ने वर्ष 1954 के अधिनियम और इसके संशोधनों को निरस्त कर दिया। वक्फ अधिनियम, 1995 को भारत में वक्फ संपत्तियों (धार्मिक बंदोबस्ती) के प्रशासन को नियंत्रित करने के लिए अधिनियमित किया गया था।जो कि वक्फ परिषद, राज्य वक्फ बोर्डों और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की शक्ति और कार्यों के साथ-साथ मुतवल्ली के कर्तव्यों का भी स्पष्ट करता है। इस अधिनियम के अनुसार एक वक्फ ट्रिब्यूनल की शक्ति और प्रतिबंध वर्णित हैं जो अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत एक सिविल कोर्ट के बदले कार्य करता है।

एक ट्रिब्यूनल का निर्णय पार्टियों पर अंतिम और बाध्यकारी होगा।कोई मुकदमा या कानूनी कार्यवाही किसी भी सिविल कोर्ट के तहत नहीं होगी। इस प्रकार, वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को किसी भी सिविल कोर्ट से ऊपर बनाया गया । वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। लेकिन इन सब अलग से क्रान्तिकारी बदलाव वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 है जो कि वक्फ प्रशासन का आधुनिकीकरण करने, मुकदमेबाजी को कम करने और वक्फ संपत्तियों के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के व्यापक उद्देश्य को पूरा करता है। आंकड़े बताते हैं कि 30 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों और 32 बोर्डों ने रिपोर्ट किया है कि वहां 8.72 लाख संपत्तियां हैं, जो 38 लाख एकड़ से अधिक भूभाग को कवर करती हैं। 8.72 लाख संपत्तियों में से 4.02 लाख उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ हैं। शेष वक्फ संपत्तियों के लिए, स्वामित्व अधिकार स्थापित करने वाले दस्तावेज़ (डीड्स) WAMSI पोर्टल पर 9279 मामलों के लिए अपलोड किए गए हैं और केवल 1083 वक्फ डीड अपलोड हैं। लगभग सौ वर्षों से अधिक समय से भारत में वक्फ कानून का विकास वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और विनियमन के साथ-साथ एक प्रभावी प्रशासन प्रणाली होने की प्रतिबद्धता के साथ मुस्लिम समाज को शक्ति प्रदान करता है। वक्फ कानूनों में अब तक के सुधारों में मूल सिद्धांतों को बरक़रार रखते हुए समकालीन चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास है। आम मुसलमान की मानें तो वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। इसलिए यह हंगामा खड़ा करना कि मुस्लिमों की धार्मिक स्वतंत्रता को खतरा पैदा हो गया है एक भ्रम के अलावा कुछ नहीं है। लेकिन जैसा कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले बयानों से जो माहौल तैयार किया उससे ऐसा महसूस हुआ कि कोई बड़ा टकराव सामने आएगा। संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वक्फ संशोधन कानून पर जो बयान रखा उसे समझने में भले ही वक्त लगेगा लेकिन यह जरूर है कि राज्यों में वक्फ संशोधन कानून को प्रभावी करने में बहुत ही संवेदनशील होना पड़ेगा। शायद इस बात को छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.सलीम राज ने पहले ही समझ लिया और मस्जिदों में दिशा निर्देश जारी कर नए वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ किसी भी प्रकार के राजनीतिक बयानों पर रोक लगा दी और इस कानून का जोरदार स्वागत भी किया। भारत में मुसलमानों को सौगात ए मोदी के बाद वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई में वक्त लग सकता है लेकिन यह तो स्वीकार करना होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार अब मुसलमान की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति में सुधार चाहते हैं, यदि इस दिशा में कोई कदम उठा है तो उसका स्वागत करना चाहिए।
(लेखक मीडिया शिक्षाविद् हैं)

Jp agrawal

You Might Also Like

चीन में फैले नए वायरस को लेकर भारत सरकार सतर्क, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- ‘चिंता की आवश्यकता नहीं’ मगर सुरक्षा जरूरी..

शपथ के साथ शुरू हुआ सत्ता का नया अध्याय, महाराष्ट्र में आज से फडणवीस सरकार..

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की.. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जायेगा..

विशाखापट्टनम में कोरबा-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस के तीन एसी कोच जलकर राख, बड़ा हादसा टला

छत्तीसगढ़ रेल विकास के लिए 6922 करोड़ रुपये का प्रावधान: औद्योगिक और यात्री सुविधाओं में होगा सुधार

TAGGED: Raipur..
Jp agrawal 11/04/2025 11/04/2025
Share This Article
Facebook Twitter Email Print
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मुख्य समाचार

छत्तीसगढ़ में बड़ी सफलता: बीजापुर में 2 टॉप नक्सली कमांडर समेत 4 ढेर, मुठभेड़ जारी; भास्कर जैसे इनामी नक्सली का खात्मा..
छत्तीसगढ़
बीएसएनएल कर्मचारी पर जानलेवा हमला, मोबाइल और पर्स लूटे
क्राइम छत्तीसगढ़
चपले के पास NH-49 पर भीषण सड़क हादसा,
दो बाइक की आमने-सामने टक्कर के बाद कार से भिड़ीं, चार युवक गंभीर रूप से घायल
क्राइम छत्तीसगढ़
विश्व पर्यावरण दिवस पर चक्रवाय धाम में वृक्षारोपण: गुरु घासीदास जी के आदर्शों से प्रेरित आयोजन..
छत्तीसगढ़
कोयला घोटाले की जांच में ईडी की नजर में आए पूर्व विधायक गुलाब कमरो, जल्द हो सकती है पूछताछ..
छत्तीसगढ़
वनकर्मियों पर जानलेवा हमला: डिप्टी रेंजर गंभीर रूप से घायल, मौके से 17 नग सागौन का लठ्ठा और 2 वाहन जब्त
क्राइम छत्तीसगढ़ बिलासपुर वन विभाग
लिफ्ट से लेफ्ट फ्री के उल्लंघन पर होगी यातायात पुलिस की सख्त कार्रवाई
छत्तीसगढ़
जांजगीर एसपी ने किया पुलिस विभाग में फेरबदल, देखे लिस्ट
छत्तीसगढ़
वृंदावन हॉल रायपुर में पुरुषोत्तम ठेठवार की दो पुस्तकों का विमोचन..’छंद रतन’ सम्मान से नवाजे गए..
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में आज से बारिश और तूफान की गतिविधि बढ़ने की संभावना, जानें IMD का अलर्ट..
छत्तीसगढ़
© Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?