उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के नवाचारों को राज्यव्यापी पहचान : ‘गजसंकेत’ और ड्रोन मैपिंग छत्तीसगढ़ के सुशासन मॉडल में शामिल..

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नागरिक-केंद्रित शासन में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व (USTR) ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। अक्टूबर 2025 में माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित सुशासन संवाद सम्मेलन के दौरान, USTR की दो प्रमुख पहलों को राज्य के नौ सुशासन नवाचारों में शामिल किया गया है, जिन्हें पूरे राज्य में लागू करने के लिए चुना गया है। इस कार्यक्रम में वन, पुलिस और प्रशासन जैसे विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

मानव-हाथी संघर्ष शमन : एआई-संचालित गजसंकेत ऐप..

वर्ष 2023 में USTR में लॉन्च किया गया कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-संचालित छत्तीसगढ़ हाथी ट्रैकिंग और अलर्ट ऐप गजसंकेत, मानव-हाथी संघर्ष को कम करने में अत्यधिक सफल रहा है। यह ऐप हाथियों पर नज़र रखने के लिए एआई को मानव पैदल गश्त के साथ जोड़ता है और ग्रामीणों को लगभग वास्तविक समय (नियर रियल टाइम) में वॉयस, एसएमएस और व्हाट्सएप अलर्ट भेजता है।

इस ऐप के उपयोग के बाद से पिछले तीन वर्षों में जन-हानि की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है, जो केवल 2 तक सीमित है। USTR में लगभग 40 हाथियों और 120 गांवों की उपस्थिति के बावजूद, सरकारी खजाने पर मुआवजे का बोझ 2022-23 में 78 लाख रुपये से घटकर 2025-26 (नवंबर तक) में 10 लाख रुपये हो गया है। इस ऐप ने भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा आयोजित मानव-वन्यजीव संघर्ष शमन पर राष्ट्रीय स्तर का हैकथॉन भी जीता है। छत्तीसगढ़ वन विभाग ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक राज्यों को भी राज्य-विशिष्ट संशोधनों के साथ इस ऐप को अपनाने के लिए मार्गदर्शन दिया है।

वन प्रबंधन में प्रौद्योगिकी : रिमोट सेंसिंग और ड्रोन मैपिंग पोर्टल..

USTR का दूसरा नवाचार गूगल अर्थ इंजन आधारित रिमोट सेंसिंग और ड्रोन मैपिंग पोर्टल है, जो वन संसाधनों की निगरानी और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह पोर्टल छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के 10 किलोमीटर के सीमावर्ती क्षेत्रों की सैटेलाइट छवियों पर एआई-एमएल का उपयोग करके वन आवरण में कमी, अवैध कटाई और सतही जल हानि का पता लगाने में मदद करता है।

अर्थ इंजन पोर्टल ने महानदी बेसिन में वन आवरण में बदलाव का पता लगाने में मदद की, जिसके बाद जमीनी स्तर पर जाँच और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से 750 हेक्टेयर से अतिक्रमण हटाया गया (जिसका अधिकांश हिस्सा ओडिशा सीमा पर स्थित था)। इस हटी हुई जमीन का नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) लगभग 450 करोड़ रुपये है। पोर्टल ने 750 हेक्टेयर महानदी कैचमेंट क्षेत्र को बहाल (रेस्टोर) करने में मदद की है, जो एक महत्वपूर्ण वन्यजीव आवास और कार्बन सिंक भी है, जिससे देश को कार्बन पृथक्करण के अपने जलवायु लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिली है।

ड्रोन मैपिंग पोर्टल वन विभाग द्वारा किए गए कार्यों, जैसे वृक्षारोपण, वाटरशेड विकास, और अतिक्रमण स्थलों की उच्च रिज़ॉल्यूशन ऑर्थोमोज़ेक छवि प्रदर्शित करता है। यह उच्च अधिकारियों और आम जनता को अपने मोबाइल/डेस्कटॉप पर कार्यों को देखने की सुविधा देता है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है। यह मंच दूरदराज के/नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किए गए कार्यों को प्रदर्शित करने और प्रचारित करने का भी अवसर प्रदान करता है।

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