गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के वनक्षेत्र तौरेंगा में शिकार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वन विभाग की संयुक्त टीम ने वन्यप्राणी कोटरी के अवैध शिकार के आरोप में मुख्य आरोपी परमेश्वर नागेश को गिरफ्तार किया है, मामले में अन्य आरोपी महेंद्र नागेश को एक दिन पहले ही पकड़ा गया था। वन विभाग ने आरोपी के घर से वन्यप्राणी कोटरी का मांस, शिकार में इस्तेमाल जाल, फंदा और अन्य सामग्री जब्त की है। यह पूरी कार्यवाही मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक श्रीमती सत्तोविशा समाजदार और उपनिदेशक वरुण जैन के दिशानिर्देशन में हुई, जिसके बाद वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत वन अपराध दर्ज किया गया है।

सघन तलाशी के बाद मांस और शिकार सामग्री जब्त..
टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को मुखबिर से तौरेंगा के संरक्षित वनक्षेत्र कक्ष क्रमांक 1102 में अवैध शिकार की जानकारी मिली थी। जानकारी मिलते ही, सहायक संचालक तौरंगा जगदीश प्रसाद दरों और सहायक संचालक उदंत्ती, एण्टी पोचिंग टीम नोडल अधिकारी श्री गोपाल सिंह कश्यप के मार्गदर्शन में एक संयुक्त टीम गठित की गई। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए परमेश्वर नागेश (उम्र 40 वर्ष, ग्राम-तौरेंगा) के नाम से सर्च वारंट जारी करवाया।
सर्च वारंट के आधार पर जब टीम परमेश्वर नागेश के घर पहुँची, तो वहाँ से वन्यप्राणी कोटरी का मांस और शिकार में प्रयोग किए गए जाल, फंदा व अन्य सामग्री जब्त की गई। वन विभाग के अनुसार, परमेश्वर का बेटा महेंद्र नागेश (उम्र 19 वर्ष, ग्राम-तौरेंगा) भी इस अवैध शिकार में लिप्त था, जिसे टीम ने एक दिन पहले यानी 27 सितंबर 2025 को ही दबोच लिया था।
सख्त धाराओं में केस दर्ज, कोर्ट में पेशी..
विवेचना के दौरान वन अपराध पाए जाने पर विभाग ने पी.ओ.आर. क्रमांक 167/22 दिनांक 27.09.2025 जारी कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी। आरोपियों के खिलाफ वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की सख्त धाराएं 9, 27(1), 29, 31, 39, 49, 50, 51, 52 के तहत वन अपराध दर्ज किया गया है। इन सभी धाराओं में शिकार, प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश, वन्यप्राणी या उसके उत्पादों को रखने और अवैध शिकार से जुड़े कठोर प्रावधान शामिल हैं।
गिरफ्तारी और दस्तावेज पूरे करने के बाद, दोनों आरोपियों परमेश्वर नागेश और महेंद्र नागेश को 28 सितंबर 2025 को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस अपराध में अन्य संलिप्त आरोपियों की पतासाजी विभाग द्वारा की जा रही है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
टीम को मिली अधिकारियों की सराहना..
इस सफल कार्यवाही में वनक्षेत्रपाल परिक्षेत्र अधिकारी तौरेंगा (बफर) श्री केजूराम कोरचे, उपवनक्षेत्रपाल श्री कपुरचंद बरिहा, वनपाल श्री तुकेश्वर यद्, वनरक्षक श्री खिलेश कुमार यादव, वनरक्षक श्री सुधांशु वर्मा समेत अन्य वन कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा, जिसकी अधिकारियों ने सराहना की है।
नोट: कोटरी एक हिरण प्रजाति का छोटा वन्यप्राणी है, जिसे भौंकने वाला हिरण (Barking Deer) भी कहते हैं। यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची में शामिल है, जिसके शिकार पर सख्त प्रतिबंध है।

